नांदगांव खंडेश्वर/ दि. 23- खरीफ सत्र निकट आ गया है. किसानों को नये सत्र के लिए पैसों की आवश्यकता है. लेकिन सोयाबीन के भाव गिरने और खरीददार थक जाने से बडी आशा से घर में रखा सोयाबीन कम भाव में बेचने की नौबत किसानों पर आ गई है.
उपज मंडी में अच्छे दर्जे के सोयाबीन को 4700 से 4800 रूपए प्रति क्विंटल भाव मिल रहे है. पिछले वर्ष इसी सोयाबीन को 7 हजार प्रति क्विंटल भाव मिले थे. इस कारण इस वर्ष भी अच्छे भाव मिलने की आशा पर किसानों ने कृषि माल अपने घर में ही रखा था. लेकिन सोयाबीन के भाव इस वर्ष कम ही रहे और किसानों को सारा गणित बिगड गया. मई-जून में भाव बढेंगे और इन पैसों से खरीफ सत्र का काम चलने की आशा किसानों को थी. इस कारण उन्होंने सोयाबीन की बिक्री नहीं की थी. इस वर्ष औसतन शुरूआत से सोयाबीन को 6 हजार के भीतर ही भाव मिले है. भाव में वर्तमान मेें गिरावट शुरू है. उपज मंडी में खरीददार भी कम हुए है. अनेको ने खरीदी रोक दी है. अनेक किसान मूल्यवृध्दि की प्रतीक्षा में है और कम होते भाव से हलाकान हो गए है. अच्छे दर्जे का सोयाबीन भी किसानों को आवश्यकता के मुताबिक कम भाव मेें बेचना पड रहा है. भाव में गिरावट आने से आवक भी कम हो गई है. सोयाबीन का उत्पादनखर्च और मिलनेवाले भाव तालमेल नहीं बैठ रहा है. इस कारण किसान आर्थिक परेशानी में आ गए है. ऐसी परिस्थिति कपास उत्पादक किसानों की रहने से खरीफ सत्र में बुआई क्या करना, ऐसी दुविधा में किसान आ गए है.