अमरावती प्रतिनिधि/दि.28 – केंद्र सरकार व्दारा ढोल पीटते हुए घोषणाबाजी की गई थी कि किसानों के बैंक खाते में 18 हजार करोड रुपए एकमुस्त ही डाले जाएंगे. उसकी जाहीरातबाजी भी बहोत ही जोरशोर से की गई, इससे लोगों को लगा कि दिल्ली का राजा बेहद उदार हुआ है, अब देश के किसानों को बडी आर्थिक मदद मिलेगी, किसान कर्ज से मुक्त होगा, इस सपने में रहने वाले किसानों को मात्र निराशा का ही सामना करना पडा. हर चार माह के बाद 2 हजार रुपए के हिसाब से सालभर में केवल 6 हजार रुपए ही किसानों के खातों में जमा हो सके. केंद्र सरकार के बडे-बडे वादों के बाद भी किसानों को क्या मिला. आखिर निराशा ही हाथ लगी!
फिलहाल की स्थिति में देश के किसान आंदोलन ने गति पकडी है. परंतु हम देश के किसानों को 18 हजार करोड रुपए दे रहे है यह झूठ भ्रम फैसाने में दिल्ली सरकार सफल हुआ है, लेकिन यह किसानों को द्गआवला देकर भोपलाद्घ निकालने का ही प्रकार है, यह बात किसानों के ध्यान में आयी है. अनेक किसानों के खाते में जमा हुई रकम वापिस मांगा जा रहा है. अनेक किसानों को रकम वापिस करों, ऐसी नोटीस भी दी गई है. यह बात किसी को भी अभी तक नहीं पता चली. मेरे जान पहचान के अनेक ऐसे किसान है, जो खेती के साथ ही पूरक व्यवसाय करते है. उन्होंने पूरक व्यवसाय के लिए बैंक से कर्जा उठा लिया है. इसलिए आयकर विभाग ने उनके पैन कार्ड निकाले है, ऐसे किसानों को पैसे वापिस करों का नारा लगाया जा रहा है. मगर ऐसे किसान बडे संकट में घिर गए है, ऐसे ही किसानों के हाथ में भोपला दिया जा रहा है, ऐसा पूर्व सांसद अनंत गुढे ने व्यक्त किया है.
मैं इतना बडा नेता नहीं हूं, जो केंद्र सरकार की योजनाओं पर अपना मत व्यक्त कर सकू, लेकिन मैं भी एक किसान हूं. संतरा, सोयाबीन, कपास, तुअर जैेसी फसल हम लेते है, परंतु इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते एक भी फसल से हम उत्पाद खर्चा नहीं निकाल पाये है. मुझे 2 हजार नहीं चाहिए, परंतु सैकडों किसानों को केंद्र की ओर से वार्षिक 6 हजार रुपए नहीं मिले के बावजूद भी किसानों को हर चार महिने में मदद दी जा रही है, ऐसा प्रपोगांडा क्यों कर रहे है, ऐसा सवाल भी अनंत गुढे ने किया है.
संपूर्ण खरीफ व रबी उत्पादन का कालावधि खत्म हो गया है, लेकिन अब कुछ क्षेत्र में केंद्र के दल व्दारा बाढग्रस्त किसानों के खेतों का सर्वे किया जा रहा है. कब मदद मिलेगी इन किसानों को. महाराष्ट्र सरकार ने 2 लाख तक के कर्ज माफ करने के लिए इस वर्ष 29 हजार करोड रुपए खर्च किये है. राज्य सरकार की ओर से अतिवृष्टि की मदद भी दी गई. लेकिन केंद्र सरकार देशभर के 2 करोड किसानों को केवल 2 हजार ऐसे 18 हजार करोड मदद घोषित की है. केंद्र सरकार व्दारा देशभर के किसानों का 4 लाख तक का कर्जा माफ करने की घोषणा करना चाहिए तब ही हम समझेंगे कि केंद्र सरकार किसानों के लिए कुछ कर रही है, ऐसा भी अनंत गुढे ने व्यक्त किया.