अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – एक ओर शासन ने कोरोना संदर्भ में मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी अभियान चलाया हैे. उसके बाद अब कुष्ठरोग की जांच अभियान अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को १ दिसंबर से फिर एक बार गृह भेट देकर कुष्ठ रोगियों की खोज करनी पड़ेगी. यह जिम्मेदारी आशा वर्कर्स व पुरूष स्वयंसेवको को सौंपी गई है.
राष्ट्रीय कुष्ठरोग निर्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत १से १६ दिसंबर दौरान संयुक्त कुष्ठ रोगी व क्षय रोगी का खोज अभियान चलाया जायेगा. इस संदर्भ में सोमवार की दोपहर ३ बजे वरिष्ठ के पत्र संबंधित विभाग को प्राप्त हुए. मंगलवार को इस संबंध में बैठक हुई. इसमें कुष्ठरोग की श्रृंखला खंडित हो, इसके लिए अधिक से अधिक कुष्ठ रोगी की खोज कर उनका तत्काल उपचार किया जाए व जिले में इस अभियान का प्रभावी रूप से अमल किया जाए,ऐसा निर्देश जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने दिया.उसी प्रकार इस अभियान में शामिल आशा कर्मचारियों को अतिरिक्त मानधन के लिए संबंधित विभाग द्वारा निधि का प्रावधान किया जायेगा. इस कार्यक्रम अंतर्गत कुष्ठरोग संबंध में जनजागृति की जाए व शिक्षा समाज कल्याण, स्वयंसेवी संस्था व परिवहन विभाग ने भी सहयोग करने का आवाहन किया. जिलाधिकारी ने इस अभियान संदर्भ में इस सप्ताह में समीक्षा लेकर अधिनस्थ यंत्रणा को निर्देश दिए थे.
इस समय जिला शल्य चिकित्सक श्यामसुंदर निकम, सहायक संचालक (कुष्ठरोग) के.एस.वासनिक,सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी रेवती साबले, तपोवन के सचिव वसंतराव बुटले,जिला हिवताप अधिकारी शरद जोगी, डॉ. जयश्री नांदूरकर, अंकुश शिरसाट, सुभाष राठोड, दीपग गडलिंग, अविनाश इंगले,डॉ.अंजू दामोदर,जोसेफ पीटर, विकास सुरवाडे,अनिल गवली,रितेश ठाकरे आदि उपस्थित थे.
यह कार्यक्रम १ दिसंबर से २८ फरवरी से करने का निर्णय लिया था. किंतु कोरोना के बढ़़ते प्रभाव को देखकर १ से १६ दिसंबर तक का अभियान चलाने का पत्र स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ स्तर से सोमवार को प्राप्त हुआ.