भाजपा उम्मीदवार का प्रचार करने ‘संघ’ के वरिष्ठ आने की चर्चा
स्थानीय प्रचारकों का कहना ‘कोई वरिष्ठ पदाधिकारी नहीं आये’
* नियमित तरीके से काम जारी है
अमरावती/दि. 17 – विदर्भ के 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की कथित कमजोर स्थिति के कारण संघ के वरिष्ठ विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचने की चर्चा है. इस बीच अमरावती मंडल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों से बात की तो उन्होंने कहा कि, कोई पदाधिकारी यहां नहीं आए हैं. नियमित तरीके से काम जारी है. उल्लेखनीय है कि, विदर्भ की पांच सीटों पर परसों 19 अप्रैल को वोटिंग होनेवाली है. आज शाम प्रचार खत्म हो रहा है.
* भाजपा की हालत पतली!
रिपोर्टस् में कहा गया कि, पूर्व विदर्भ की नागपुर, रामटेक, भंडारा-गोंदिया, चंद्रपुर और गढचिरोली-चिमूर क्षेत्र में भाजपा की चुनावी स्थिति कमजोर है. जिसके कारण संघ के खास लोगों को जगह-जगह भेजा गया. उनकी रिपोर्ट में भी बताया गया कि, पार्टी के उम्मीदवारों की स्थिति कमजोर है. वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार चंद्रपुर में अडचन में आ गए हैं. ऐसे ही नितिन गडकरी की नागपुर में उम्मीदवारी को कांग्रेस के विकास ठाकरे ने कडी चुनौती देने की कथित रिपोर्ट की चर्चा रही.
* कोई नहीं आया
इन रिपोर्टस् के बारे में अमरावती मंडल ने स्थानीय संघ पदाधिकारियों से खास तौर से प्रचारकों से चर्चा की तो उन्होंने संघ के किसी भी नेता के यहां आने और चुनावी आकलन करने की खबर को सिरे से खारिज किया. एक प्रमुख प्रचारक ने अमरावती मंडल से बातचीत में साफ कहा कि, कोई वरिष्ठ पदाधिकारी यहां नहीं आए. चुनावी आकलन करने की बात दूर. उन्होंने कहा कि, संघ के कोई वरिष्ठ आते है तो उन्हें अवश्य खबर होती है. अपितु वे ही ऐसे पदाधिकारियों को रिसिव करते हैं, उनके कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
* अमरावती में अगले सप्ताह वोटिंग
उल्लेखनीय है कि, अमरावती में अगले सप्ताह 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है. उससे पहले संघ के निरीक्षक यहां आकर जाने की चर्चा है. चर्चा में कहा गया कि, अमरावती सहित पश्चिम विदर्भ के चारों लोकसभा क्षेत्र अकोला, यवतमाल, बुलढाणा का आकलन किया. यहां कुछ प्रतिष्ठित लोगों से संघ निरीक्षक ने भेंट और चर्चा करने का दावा रिपोर्ट में किया गया है. तथापि प्रचारक ऐसे किसी निरीक्षक के आने की खबर की पुष्टि करने से परहेज कर रहे हैं. बता दे कि, अमरावती में पहली बार कमल निशानी पर स्वयं भाजपा मैदान में उतरी है. नवनीत राणा उसकी प्रत्याशी है. महायुती के घटक दल अब तक राणा को अपेक्षित सहयोग नहीं करने का ही चित्र रहा है.