दोनों राज्यपालों की अमरावती भेंट पर अब बढी चर्चा
क्या विदर्भ राज्य की स्थापना को लेकर हुई बात?
अमरावती/ दि.5 – गत दिसंबर माह में अमरावती में महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश के राज्यपालों की मुलाकात को लेकर अब चर्चा का दौर आगे बढा है. नागपुर शीतसत्र जारी रहने के बाद भी दोनों बडे प्रदेशों के गवर्नर का अमरावती में कथित सीमा विवाद को लेकर भेंट करना अनेक लोगों के गले से नहीं उतरा था. अब तरह-तरह की अटकलें इस भेंट को लेकर लगाई जा रही हैं. राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी तथा उनके मध्यप्रदेश के साथी मंगूभाई पटेल की उपस्थिति में यहां प्रबोधिनी में बैठक हुई थी. जिसमें दोनों प्रांतों के करीब दो दर्जन बडे अधिकारी भी मौजूद थे. कयास के अनुसार कहीं विदर्भ राज्य की निर्मिति को लेकर तो यह मुलाकात न थी!
* अनेक प्रकार के प्रश्न
दो राज्यों के गवर्नर का अमरावती आना और यह अधिकृत बैठक करना, जानकारों के लिए प्रश्न खडे कर गया. विशेषज्ञों ने चर्चा में प्रश्न उपस्थित किये. उनका बैठक अमरावती में लेने पर ही पहला प्रश्न रहा. नागपुर में शीतसत्र चल रहा था. राज्यपाल नागपुर में ही थे. वहां भी बैठक हो सकती थी. फिर महामहिम को नागपुर से अमरावती बुलाने और यहां बैठक लेने के मुद्दे पर प्रश्न उछाले जा रहे हैं. ऐसे ही मध्यप्रदेश के राज्यपाल को भी नागपुर सुविधाजनक रहता, पर उन्हें भी अमरावती आना पडा. इसके पीछे कुछ और वजहें भी जानकार मान रहे हैं.
* अधिकारियों की उपस्थिति
दो प्रांतों के गवर्नर की बैठक होने से सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे. कहा जा रहा है कि, बैठक में सिंचाई परियोजना स्थानीय समन्वय से सूचारु करने, अवैध गौवंश यातायात, बाढ की स्थिति, अवैध गौण खनीज उत्खनन, अवैध शस्त्र, गुटखा, शराब, नशीले पदार्थ पर रोक लगाने, चेकपोस्ट पर सुरक्षा बढाने, सीसीटीवी लगाने के निर्देश राज्यपाल ने बैठक में दिये. नक्सलवाद मिटाने पर भी संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश राज्यपाल व्दारा दिये जाने की चर्चा है. किंतु यहीं पर प्रश्न उपस्थित किये जा रहे है कि, दो प्रांतों के दो दर्जन अफसरान को लेकर राज्यपाल दिनभर बैठे, जो काम सरकार करती है, सरकार के मंत्री और प्रशासन करता है, वहीं काम करने दो राज्यपाल अमरावती आते हैं, यह बात ही गले से नहीं उतर रही.इसलिए अंदाजा है कि, दोनों महामहिम की मिटिंग में विदर्भ राज्य निर्माण को लेकर अवश्य चर्चा हुई है.
* विदर्भ की मांग पुरानी
एक विशेषज्ञ ने संभावना जताई कि, दोनों महामहिम के बीच निश्चित ही विदर्भ राज्य की मांग को साकार करने के बारे में ही चर्चा हुई. प्रस्तावित विदर्भ में मध्यप्रदेश के भी सीमावर्ती भागों को शामिल करने पर राज्यपाल भेंट में चर्चा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. विदर्भ के अमरावती, नागपुर, भंडारा, गोंदिया, बुलढाणा का हिस्सा मध्यप्रदेश के बालाघाट, बैतुल, बुर्हानपुर, खंडवा, छिंदवाडा, सिवनी जिलों से सटा है. ऐसे में कयास है कि, अमरावती में बैठक लेने का उद्देश्य विदर्भ राज्य निर्मिति की संभावना तलाशना रहा होगा. ब्रिटिशकालीन मध्यप्रांत की तर्ज पर मध्यप्रदेश का कुछ क्षेत्र लेकर स्वतंत्र विदर्भ राज्य निर्मित करने का अंदाजा जताया जा रहा है. हालांकि विदर्भ के ही लोगों को यह अंदाज बहुत पसंद नहीं आयेगा.