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बीमारियों का पता ही नहीं चल रहा

सरकार को भेजी जा रही गलत-सलत रिपोर्ट

* निजी अस्पतालों पर असहयोग का ठपका
* जानकारों ने मिनी मंत्रालय पर उठाई उंगली
अमरावती / दि. 23-जिले में विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या की पक्की जानकारी उपलब्ध नहीं है. सरकारी और निजी अस्पताल की जानकारी लेकर वह राज्य शासन को भेजना स्वास्थ्य विभाग का काम है. बल्कि सरकार ने हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सर्विस एचएमआईएस यह प्रणाली ही इन आंकडों को एकत्र करने के लिए तैयार की है. बावजूद इसके अमरावती में बीमारियों के मरीजों के आंकडे नहीं है. महकमे ने निजी अस्पतालों पर इस बारे में सहयोग नहीं करने की बात कही है. वहीं कुछ विशेषज्ञों ने जिला परिषद पर आरोप मढा है.
* ऐसे हुआ काम पंगु
जिला परिषद में पूछताछ करने पर बताया गया कि मानव संसाधन की कमी और ठेका पध्दति के डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के कारण यह विभाग ही पंगु हो गया है. विभाग के जरिए जिले में गर्भवती और दूध पिलाती माता, बच्चों के टीकाकरण एवं अन्य जानकारी के साथ प्रसूता की किसी भी बीमारी संबंधित जानकारी शासन को भेजना आवश्यक है. इन बीमारियों में कैंसर, हृदयरोग, डेंगू, चिकनगुनिया, कोरोना, मस्तिष्क संबंधी बीमारी की जानकारी प्रतिमाह भेजना आवश्यक हैं.
* क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष ढोले का दावा है कि डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की हडताल और उसके बाद हुए आंदोलनों के कारण एचएमआईएस के डाटा संकलन में दिक्कत आयी थी. उसी प्रकार निजी अस्पताल बार- बार सूचित करने पर भी सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण गलत-सलत जानकारी जा रही है. अब यंत्रणा में थोडा सुधार हुआ है. सीएस, मनपा और जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग इसके लिए प्रयत्न कर रहा है.
* तीन तहसीलों में बढ रहे बीमार
भातकुली, दर्यापुर और अंजनगांव सुर्जी इन तीन तहसीलों का बडा हिस्सा खारे पानी का क्षेत्र कहा जाता है. यहां का भूजल पेय योग्य नहीं हैं. शहरी क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को अन्य स्त्रोत से शुध्द पेयजल मिल जाता है. किंतु देहात और खेतों में रहनेवाले भूजल का उपयोग करते हैं. जिससे भूजल के क्षार के कारण उनमें पेट की बीमारियां बढती परिलक्षित हो रही. खबर है कि सरकार के पास ऐसे लोगों की कुल संख्या का आंकडा नहीं जा रहा.

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