अमरावती

नैसर्गिक आपत्ति में फसलों पर होने वाले रोगों का भी हो समावेश

विधायक प्रवीण पोटे ने कृषी मंत्री मुंडे से की मांग

* सोयाबीन उत्पादकों को फसल बीमा का लाभ दिलाने पहल
अमरावती/दि.10– फसल बीमा में किसानों को मिलने वाले लाभ के नियमों में दी गई. नैसर्गिक आपत्ति में फसलों पर आने वाले नैसर्गिक रोग उसी प्रकार विविध प्रादुर्भावों का समावेश नहीं होने से उन्हें बड़े प्रमाण में नुकसान होने के बावजूद भी कोई लाभ नहीं मिलता. इसीलिए सोयाबिन उसी प्रकार विविध फसलों पर आने वाली नैसर्गिक इल्लियां उसी प्रकार रोगों का समावेश नैसर्गिक आपत्ति में करके किसानों को फसल बीमे का लाभ दिलवाने की मांग विधायक प्रवीण पोटे ने कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से की है. अमरावती जिले के सभी भागों में फिलहाल सोयाबीन उत्पादक किसानों की स्थिति सोयाबीन पर आए यलो मोझैक रोग के प्रादुर्भाव के कारण अत्यंत विकट हो गयी है. सर्वत्र सोयाबीन की फसल पीली पड़ गयी है तथा पौधों के पत्ते झड़ रहे हैं. उसी प्रकार सोयाबीन की फल्लियां भी भरी नहीं हैं. जिसके कारण अबकी बार सोयाबीन की फसल अच्छी दिखने के बावजूद भी अचानक से हुए मोझैक रोग के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों की परिस्थिति अत्यंत खराब है.

उल्लेखनीय है कि, सोयाबीन की संपूर्ण फसल का नुकसान होने के चलते फसल का एक दाना भी संबंधित किसान के हाथ में आने की संभावना दिखाई नहीं देती. जिसके कारण किसानों का बुआई खर्च भी वसूल होने की संभावना नहीं होने के कारण अबकी बार सोयाबीन उत्पादक किसानों की परिस्थिति दयनीय हो गयी है. अबकी बार सभी किसानों ने फसल बीमा करवाया है तथा बाढ़, अतिवृष्टि, अकाल जैसी विविध नैसर्गिक आपत्तियों के लिए ही केवल फसल बीमा देने का प्रावधान है. किंतु कृषि फसलों पर आए किसी भी प्रकार के रोग अथवा प्रादुर्भाव का समावेश उसमें नहीं होने के कारण उन्हें नियमानुसार फसल बीमा नहीं मिलने की स्थिति है. जिसके कारण दिवाली से पूर्व किसानों के हाथ में कुछ रकम तो भी आए, ऐसी मांग किसानों ने विधायक पोटे से की थी. पश्चात किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने पहल करके नैसर्गिक आपत्ति के नियमों में सोयाबीन, कपास, तुअर उसी प्रकार अन्य सभी फसलों पर आने वाले विविध रोगों का समावेश करके किसानों को फसल बीमे का लाभ दिलवाने के लिए पहल करनी चाहिए, ऐसी मांग विधायक प्रवीण पोटे ने कृषि मंत्री से की है. सरकार ने किसानों की परिस्थिति को पहचानकर, किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए उनके पक्ष में यह निर्णय लेने की मांग की है.

Related Articles

Back to top button