अमरावती

मैकेनिकल व सिविल से विद्यार्थियों का मोह भंग

अब भी चल रही प्रवेश प्रक्रिया, 30 फीसद सीटें रिक्त

अमरावती/दि.23– मौजूदा दौर को कडी प्रतिस्पर्धा वाला दौर और डिजिटल युग कहा जाता है. इस समय प्रत्येक क्षेत्र में नये-नये बदलाव हो रहे है तथा सूचना व तकनीकी क्षेत्र का दायरा लगातार बढता जा रहा है. जिसके चलते कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स व टेलिकम्यूनिकेशन तथा इन्फर्मेशन टेक्नॉलॉजी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अनेकों अवसर उपलब्ध हो रहे है. यहीं वजह है कि, इन्हीं अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की ओर युवाओं का रुझान काफी अधिक है. हालांकि आज भी मैकेनिकल व सिविल इंजिनियरिंग जैसी कोर ब्रांच में कई युवाओं द्बारा प्रवेश लिया जाता है. परंतु किसी समय कडी प्रतिस्पर्धा रहने वाले इन दोनों पाठ्यक्रमों में इस समय 30 फीसद सीटे रिक्त पडी हुई है और इन दोनों पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया अब भी चल रही है. क्योंकि इन दोनों पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद नौकरी मिलने के अवसर तुलनात्मक रुप से बेहद कम होते है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों पारंपारिक सायंस के साथ ही अप्लाई सायंस की ओर विद्यार्थियों का रुझान अधिक है. इसमें कप्यूटर सायंस को सर्वाधिक पसंद किया जा रहा है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स व टेलिकम्यूनिकेशन तथा इन्फ्रर्मेशन टेक्नॉलॉजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी अच्छी खासी है. जिसके चलते सिविल इंजिनियरिंग व मैकेनिकल इंजिनियरिंग में प्रवेशित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या दिनोंदिन कम हो रही है.
* जिले में 9 अभियांत्रिकी कॉलेज
जिले में कुल 9 अभियांत्रिकी कॉलेज है. जिसमें से एक सरकारी, 3 स्वायत्त तथा 5 निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों का समावेश है.
* क्षमता 3500, प्रवेश 2870
जिले के 9 अभियांत्रिकी महाविद्यालयों मेें कुल प्रवेश क्षमता 3500 है. विज्ञान संकाय से कक्षा 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त प्रवेश परीक्षा के जरिए पात्र विद्यार्थियों द्बारा नियमानुसार अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जाता है. इस समय तक इस प्रक्रिया के तहत 2870 सीटों पर विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है.
* 630 सीटें रिक्त
जिले के 9 अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में 630 सीटें रिक्त है. प्रवेश प्रक्रिया के राउंड पूर्ण होने के बावजूद इन सीटों पर अब तक प्रवेश का मामला अधर में अटका हुआ है. जिसके चलते इन सीटों पर अब भी प्रवेश प्रक्रिया चलाई जा रही है. इन 630 सीटों में से अधिकांश सीटें मैकेनिकल व सिविल इंजिनियरिंग पाठ्यक्रम से संबंधित है.
* कम्प्यूटर सायंस को लेकर रुझान बढा
मौजूदा दौर को कप्यूटर युग कहां जाता है. जिसके चलते कम्प्यूटर क्षेत्र में विविध विषयों का ज्ञान हासिल करते हुए नौकरी प्राप्त करने का प्रयास अधिकांश विद्यार्थियों द्बारा किया जाता है.
* प्रवेश प्रक्रिया को देखते हुए स्पष्ट है कि, इन दिनों विद्यार्थियों का रुझान कम्प्यूटर सायंस पाठ्यक्रम की ओर बढ गया है. वहीं मैकेनिकल और सिविल पाठ्यक्रम में प्रवेश कम हुए है. इसमें भी यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि, इस बार प्रवेश का कट ऑफ भी बढा है और अभियांत्रिकी प्रवेश प्रक्रिया का परिणाम भी अधिक रहा है. साथ ही प्रवेश हेतु प्राप्त रहने वाले अधिकांश विद्यार्थियों द्बारा कम्प्यूटर इंजिनियरिंग को अपनी पहली पसंद बताया गया है.
– डॉ. एम. एस. खेरडे,
प्राचार्य, सिपना कॉलेज

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