सात माह बाद पेश हुए बर्खास्त डेप्यूटी आरटीओ
गाडगे नगर पुलिस द्वारा दी गई थी नोटिस

* शासन के साथ 18.13 लाख रुपए की धोखाधडी का मामला
अमरावती /दि.19- कुछ लोगों के साथ मिलीभगत कर, फौजदारी स्वरुप की साजिश रचकर जन्म तिथि का प्रमाणपत्र, टीसी, अधिकवास प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज फर्जी तैयार कर शासन के साथ धोखाधडी करने के मामले में राज्य शासन के आदेश पर बर्खास्त किये गये यहां के उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजकुमार आनंद गर्भेकर (बागरी) यह 7 माह बाद गाडगे नगर पुलिस की नोटिस मिलने के बाद आज दोपहर में पुलिस के सामने पेश हुए.
थानेदार ब्रह्मा गिरी ने अमरावती मंडल को बताया कि, 23 अगस्त 2024 को उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजकुमार आनंद वर्धेकर (बागरी) सहित उन्हें सहयोग करने वाले अज्ञात के खिलाफ गाडगे नगर पुलिस ने विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपी राजकुमार वर्धेकर ने अन्य अज्ञात आरोपियों के साथ मिलीभगत कर फौजदारी स्वरुप की साजिश रचकर जन्म तिथि का प्रमाणपत्र, टीसी, अधिवास प्रमाणपत्र आदि कागजपत्र फर्जी तैयार किये. वे 30 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त होने वाले थे. लेकिन दो साल अधिक सेवा लेने के लिए उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया तथा शासन के साथ 18 लाख 13 हजार 950 रुपए की आर्थिक जालसाजी की. ऐसा उन पर आरोप है. मोटर वाहन निरीक्षक कैलास भरकाडे ने इस बाबत गाडगे नगर थाने में शिकायत दर्ज की थी. तब से बागरी का सुराग नहीं मिल पाया था, लेकिन वह नागपुर के नेहरु नगर कडबी चौक स्थित उनके बेटे के यहां रहने की जानकारी मिलने पर गाडगे नगर पुलिस ने उन्हें उपरोक्त प्रकरण की जांच पडताल के लिए गाडगे नगर पुलिस स्टेशन में पेश होने बाबत नोटिस दी थी. इसके मुताबिक आज बुधवार 19 मार्च को बर्खास्त डेप्यूटी आरटीओ बागरी हाजिर हुए. गाडगे नगर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. थानेदार ब्रह्मा गिरी ने बताया कि, बर्खास्त डेप्यूटी आरटीओ का दुर्घटना में एक पैर टूटा हुआ है और उनके पैर में शस्त्रक्रिया कर रॉड डाला हुआ है. इस कारण उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए पेश होने कहा गया था. इसके मुताबिक वे पेश हुए है. यदि जांच में उन्होंने पुलिस का सहयोग नहीं किया, तो आगे की कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन सहयोग देने पर उन्हें नोटिस देकर छोड दिया जाएगा.
* यह थी जांच समिति
राजकुमार वर्धेकर के फर्जी जन्म तिथि बाबत खबरे प्रकाशित होने के बाद मुंबई के परिवहन कार्यालय के परिवहन आयुक्त के आदेश के मुताबिक 8 अप्रैल 2024 को परिवहन आयुक्त कार्यालय मुंबई के उपायुक्त (लेखा) विद्यासागर हीरमुखे की एक सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की गई थी. इस जांच समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. वहीं रिपोर्ट गाडगे नगर पुलिस को दी गई है.
* ऐसी है एफआईआर
एफआईआर के मुताबिक राजकुमार वर्धेकर की जन्म तिथि 22 सितंबर 1964 की रहने की बात सिद्ध हुई है. वह जन्म तिथि के मुताबिक 30 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना अपेक्षित था. लेकिन उनकी सेवा पुस्तिका में कांटछांट कर जन्म तिथि 22 सितंबर 1966 की गई. साथ ही वर्धेकर ने अपनी जन्म तिथि 22 सितंबर 1965 और 22 सितंबर 1966 रहने बाबत शासन के पास निवेदन किया. साथ ही फर्जी कागजपत्र जोडने से शासन ने उन्हें सेवानिवृत्त नहीं किया. इस आधार पर उन्होंने शासन के साथ आर्थिक धोखाधडी की रहने की बात प्रकाश में आयी, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है. यह मुद्दे एफआईआर में दर्ज किये गये है.
* गृह विभाग के आदेश पर किया गया बर्खास्त
राजकुमार आनंद वर्धेकर द्वारा सेवा पुस्तिका में कांटछांट कर जन्म तिथि में किये गये बदलाव की बात स्पष्ट होने की बात शासन के साथ की गई धोखाधडी उजागर होते ही राज्य के गृह विभाग के आदेश पर उन्हें बर्खास्त किया गया. पश्चात गाडगे नगर पुलिस स्टेशन में 22 अगस्त को उनके खिलाफ अपराधिक स्वरुप की साजिश व जालसाजी का मामला दर्ज किया गया. मामला दर्ज होने के 7 माह बाद वे गाडगे नगर पुलिस के सामने आज पेश हुए है.