लक्ष्मीकांत लढ्ढा सहित महिला बीमा एजेंट की जमानत याचिका खारिज
अदालत ने गिरफ्तारी से बचने राहत देने से किया मना
* फर्जी कोविड इन्शुरन्स क्लेम का मामला
अमरावती/दि.21- स्थानीय बोहरा गली परिसर में रहनेवाले हुजेफा ताहेरअली गोरावाला व उनकी पत्नी को फर्जी तरीके से कोविड संक्रमित दर्शाते हुए उनके नाम पर कोविड इन्शुरन्स हेल्थ पॉलीसी का क्लेम पास कराने के मामले में नामजद किये गये लक्ष्मीकांत लढ्ढा नामक व्यक्ति सहित बीमा एजेंट के तौर पर काम करनेवाली महिला को स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत देने से मना कर दिया है. ऐसे में अब इन दोनों नामजद आरोपियों की किसी भी वक्त गिरफ्तारी हो सकती है.
बता दें कि, हुजेफा ताहेरअली गोरावाला ने विगत दिनों शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के पास पहुंचकर शिकायत दर्ज करायी थी कि, उनके परिचय में रहनेवाली एवं बीमा एजेंट के तौर पर काम करनेवाली महिला ने उनके व उनकी पत्नी के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करते हुए उन्हें कोविड संक्रमित दर्शाया तथा उनके नाम पर फर्जी तरीके से कोविड इन्शुरन्स क्लेम भी पास कराया गया. गोरावाला द्वारा अपनी शिकायत में कहा गया था कि, बीमा एजेंट महिला ने उन्हें कोविड हेल्थ इन्शुरन्स पॉलीसी लेने हेतु कहा था. जिसके लिए हामी भरने पर उन्हें व उनकी पत्नी को स्वास्थ्य जांच के नाम पर कई बार श्रीकृष्ण पेठ स्थित महावीर अस्पताल बुलाया गया था. किंतु कभी भी उनका हेल्थ चेकअप् नहीं कराया गया. बल्कि इस दौरान उनके आधार कार्ड व पैनकार्ड जैसे कई दस्तावेज मांगे गये. कुछ दिनों बाद उन्हें अलग-अलग इन्शुरन्स कंपनियों से क्लेम वेरिफिकेशन के लिए फोन कॉल आनी शुरू हुई और एक इन्शुरन्स कंपनी ने तो बाकायदा उनके बैंक खाते में ढाई लाख रूपये जमा भी करा दिये. जबकि वे कभी कोविड संक्रमित हुए ही नहीं थे.
इस शिकायत को बेहद गंभीरता से लेते हुए सीपी डॉ. आरती सिंह ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी थी और जांच के बाद इस घोटाले को अंजाम देेनेवाले लक्ष्मीकांत लढ्ढा सहित बीमा एजेंट के तौर पर काम करनेवाली महिला के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद दोनों आरोपियों द्वारा गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए न्या. मेहता की अदालत ने आरोपियों को जमानत देने से इन्कार कर दिया है. ऐसे में अब पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है.
वहीं दूसरी ओर फर्जी कोविड क्लेम के मामले की जांच करते हुए पुलिस द्वारा अब इस बात का पता लगाया जा रहा है कि, इसी तरह से और कितने लोगों को फर्जी कोविड संक्रमित दर्शाया गया है और अब तक उनके नाम पर कितने रूपयों को कोविड क्लेम किया गया. इसके तहत श्रीकृष्णपेठ स्थित महावीर अस्पताल सहित संबंधित इन्शुरन्स कंपनियों से भी तमाम आवश्यक जानकारी मांगी गई है.