सहायक वनसंरक्षकों के तबादलों में नियमों की अनदेखी!
प्रादेशिक से प्रादेशिक में तबादलों पर जताया जा रहा आदेश

* वरिष्ठ आयएफएस अधिकारियों का मामले पर ध्यान ही नहीं
अमरावती/दि.4 – विगत 30 मई को वन विभाग में कुल 23 सहायक वनसंरक्षकों के नियमित तबादले हुए. परंतु इसमें महाराष्ट्र वन सेवा के कुछ सहायक वनसंरक्षकों को प्रादेशिक से प्रादेशिक उपविभाग में ‘जंकास’ व ‘कैंपा’ नाम से पदस्थापना दी गई है. इसके चलते ऐसे तबादलों में नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन किया गया है. जिसकी आयएफएस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनदेखी की जा रही है.
वन सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों की तबादला नीति 2017 के प्रावधानानुसार प्रादेशिक में तीन वर्ष की सेवा के उपरांत संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की अगली पदस्थापना वन्यजीव अथवा सामाजिक वनीकरण विभाग में की जाती है. यदि वहां पर पद उपलब्धता नहीं है तो अन्य शाखा में पदस्थापना दी जाती है. ऐसा स्पष्ट प्रावधान रहने के बावजूद भी सहायक वनसंरक्षकों का प्रादेशिक से प्रादेशिक उपविभाग में तबादला करते हुए उन्हें पदस्थापना दी गई है. जिसे नियमबाह्य बताया जा रहा है.
* समय से पहले नियमबाह्य विनंती तबादले
वरिष्ठ स्तर पर कुछ सहायक वनसंरक्षकों के विनंती तबादलों के प्रस्ताव विचाराधीन है और जल्द ही उन्हें भी नियमबाह्य पद्धति से स्थलांतरित करते हुए क्रीम पदों पर पदस्थापना देने का प्रयास चल रहा है. सामान्य प्रशासन विभाग के राजस्व विभाग वितरण नियम 2021 के प्रावधानानुसार जिस राजस्व विभाग में किसी अधिकारी की नियुक्ति होती है, उसे उस विभाग में उस पद पर कम से कम एक वर्ष तक सेवा देना अनिवार्य रहता है. परंतु कुछ सहायक वनसंरक्षक का उनके मौजूदा पदों पर एक वर्ष का कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ है. इसके बावजूद उनका नए मलाईदार पदों पर तबादला करते हुए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.
* पद पर नियमित होने से पहले ही प्रतिनियुक्ति का विशेष लाभ
गत वर्ष अगस्त माह में वनपरिक्षेत्र अधिकारी के सहायक वनसंरक्षक पद पर पदोन्नति बडी तेज गति के साथ की गई. जिसमें जिन अधिकारियों को तदर्थ स्वरुप में पदोन्नति दी गई, ऐसे अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति देकर अन्य विभागों में भेजने की प्रक्रिया शुरु हो गई है.
* अस्थाई स्वरुप में पदोन्नत होनेवालों को मौका
राज्य में 200 स्थाई व नियमित सहायक वनसंरक्षक रहने के बावजूद जो सहायक वनसंरक्षक इस पद पर अस्थाई रुप से पदोन्नत हुए है उन्हें भी अन्य विभागों में क्रीम पदों पर तबादले के जरिए पदस्थापना दी जा रही है. साथ ही साथ पूरी तरह से नियमबाह्य रहनेवाली इस प्रक्रिया के अमल की ओर वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनदेखी भी की जा रही है. इस संदर्भ में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु राजस्व एवं वन विभाग के अवर सचिव आनंदा शेंडगे से संपर्क का प्रयास किए जाने पर वे उपलब्ध नहीं हो पाए.