अमरावती

धारणी नपं अध्यक्ष के आरक्षण को लेकर असंतोष

केवल सात वर्ष में दूसरी बार सर्वसाधारण महिला संवर्ग को मौका

  • एससी, ओबीसी वर्ग में अन्याय की भावना

  • पुराना डेटा गायब रहने से पैदा हुआ संभ्रम

धारणी/दि.29 – राज्य के नगर विकास विभाग ने गुरूवार को नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित किया. धारणी नगर पंचायत में साल 2015 में अध्यक्ष पद सर्वसाधारण संवर्ग की महिला सदस्य के लिए आरक्षित रखा है. करीब सात वर्ष बाद फिर से सर्वसाधारण संवर्ग के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित होने से राजनीतिक गलियारों में नाराजगी दिखाई दे रही है.
इस बार नपं उका अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति अथवा पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित होना अपेक्षित था. ऐसा न होने से कहीं शासन के आला अफसरों ने पुराना डाटा गायब तो नहीं किया, इस प्रकार की चर्चाएं शुरू हो चुकी है. यहीं नहीं, राजनीतिक दल आरक्षण ड्रॉ प्रणाली को ही गलत करार दे रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि, राज्य सरकार ने जानबूझकर इस तरह के आरक्षण की घोषणा की है. ऐसे में विगत गुरूवार को घोषित नगर पंचायत के आरक्षण को लेकर अब कुछ राजनीतिक दल अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे है.
बता दें कि, नगर पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर धारणी में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां तेंज हो गई है. जिसके कारण नगर पंचायत के चुनाव एक बार विवादास्पद रहने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है. ज्ञात रहें कि, सन 2015 में स्थापित धारणी नगर पंचायत अपनी स्थापना से लेकर अब तक कई बार विवादों के घेरे में रही. इसके तहत सौर उर्जा दिये की खरीदी, नपं की दुकानों का वितरण, शहर की सडकोें का निर्माण, दमकल विभाग की वाहन खरीदी, मोबाईल शौचालय, आरक्षण ड्रॉ व आरक्षण निश्चिती के साथ ही कई मुद्दों को लेकर विगत छह वर्षों से विवाद जारी है. वहीं अब सात वर्ष के भीतर दूसरी बार नगर पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण निकाले जाने की वजह से एक नया विवाद शुरू हो गया है, क्योेंकि नगर पंचायत की स्थापना से लेकर अब तक सात वर्ष के दौरान दूसरी बार नगर पंचायत का अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने के चलते अध्यक्ष बनने के कई इच्छुकों के अरमानों पर पानी फिर गया है.
बता दें कि, वर्ष 2015 में जब धारणी नगर पंचायत की स्थापना हुई थी, तो उस समय भी अध्यक्ष पद सर्वसाधारण महिला संवर्ग के लिए आरक्षित था और रजिया बी सरफुद्दीन को सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था. पश्चात ढाई वर्ष के उपरांत एसटी संवर्ग हेतु आरक्षण के चलते गुड्डूभाई जांबेकर को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई और अब रोटेशन के मुताबिक अनुसूचित जाति या पिछडा संवर्ग के लिए अध्यक्ष पद का आरक्षित होना अपेक्षित था. किंतु अध्यक्ष पद हेतु निकाले गये ड्रॉ में एक बार फिर सर्वसाधारण संवर्ग की महिला हेतु नगराध्यक्ष पद आरक्षित हो गया. ऐसे में नगराध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर कई राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जताई है. साथ ही ड्रॉ की प्रक्रिया पर सवालियां निशान खडे किये है. इसके तहत कुछ लोग आरक्षण के ड्रॉ को ही गलत करार दे रहे है, तो कुछ लोग जानकारी का अभाव रहने की बात कह रहे है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले भी धारणी में वॉर्ड आरक्षण को लेकर रहनेवाली खामियोें की शिकायत जिलाधीश पवनीत कौर से की गई थी और उन्होंने इस संबंध में ऑनलाईन सुनवाई करते हुए महिला व ओबीसी आरक्षण की पध्दति में खामियां रहने की बात कबुली थी. वर्तमान में फिर एक बार नगराध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर सवालिया निशान उठाये जा रहे है, तथा खविसं के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व पार्षद राजकिशोर मालवीय एवं भाजपा पदाधिकारी सुधाकर पकडे द्वारा जल्द ही जिला प्रशासन से शिकायत की जा सकती है. या फिर इस संदर्भ में हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है.

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