अमरावती

जिला प्रशासन मानसून पूर्व तैयारियों में लगा

14 तहसीलों में बाढ की संभावना वाले गांवों की बनायी सूची

* तहसील निहाय की समीक्षा
अमरावती/ दि.18 -जिला प्रशासन अब मानसून पूर्व तैयारियों में लगा. मानसून आरंभ होने के पहले जिले की 14 तहसीलों में बाढ की संभावना वाले गांवों की सूची बनाने के साथ ही बाढ की स्थिति से निपटने के लिए किस तरह के इंतेजाम किए जा सकते है, इसको लेकर तहसील निहाय समीक्षा की. जिले के 482 गांवों को बाढ का खतरा है. जिसमें 62 गांव अमरावती तहसील के है. जबकि चिखलदरा में बाढ का खतरा नहीं है.
अमरावती जिले की विविध तहसीलों में सिपना, गडगा, पेढी, नल, दमयंती, वर्धा, माडू, पूर्णा, चंद्रभागा, शाहनुर, बोर्डी, इंद्रायणी, अंबा आदि नदियां है. इसके अलावा बाढ प्रवण तैयार करने वाले कुछ तालाब भी जिले के विविध क्षेत्रों में है. मानसून के समय हर गांव को बाढ का खतरा रहता है. ऐसे तालाब व नदियों के किनारे वाले गांव को बाढ का खतरा अधिक रहता है. संभावित खतरे को टालने के लिए अभी से उपाय योजना की जा रही है. पूर्व अनुभवों के आधार पर जिला प्रशासन ने अमरावती तहसील के 62 गांव, अचलपुर तहसील के 57 गांव, अंजनगांव सुर्जी तहसील के 56 गांव, वरुड तहसील के 51 गांव, दर्यापुर तहसील के 48 तथा तिवसा तहसील के 45 गांवो को बाढ का खतरा रहने की बात स्वीकारी है.
जिला मुख्यालय अंतर्गत अमरावती तहसील के सर्वाधिक 62 गांवों का बाढ का खतरा है. इसके चलते विशेष ध्यान देना पड रहा है. इनमे तारखेडा, पेठ, अमरावती शहर के साथ अमरावती महानगर से सटे सुकली, रसुलपुर, भानखेडा, मोगरा, कस्तुरा, हाथाला, अंजनगांव बारी, पार्डी, वडगांव जीरे, टाकली, जहांगीर, मासोद, इंदला, बोरगांव, वडगांव माहोरे, पिंपलविहीर, देवरा, कठोडा तथा नांदगांव पेठ का समावेश है.

चिखलदरा तहसील बाढ के खतरे से दूर
जिले के मेलघाट अंतर्गत आने वाली चिखलदरा तहसील में एक से अधिक नदी नहीं है. उसके बाद भी तहसील के एक भी गांव को बाढ का खतरा नहीं रहता. बारिश में मेलघाट के गांवों से संपर्क टूट जाता है. रास्तों की दयनीय हालत से नागरिकों को परेशानी उठानी पडती है किंतु बाढ का खतरा यहां नहीं रहता है. तहसील के सभी गांव पहाड पर रहने की वजह से इन गांवों को बाढ का खतरा नहीं होता.

हर गांव में आपदा प्रबंधन दल
आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी पवनीत कौर की अध्यक्षता में शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों की बैठक ली गई. बैठक में मानसून के दौरान की जाने वाली उपाय योजनाओं पर चर्चा की गई. इसके अलावा सभी गांवों में आपदा प्रबंधन दल तैनात करने के भी निर्देश दिए गए.

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