-
बताया : प्रशासन कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों में है व्यस्त
-
प्रक्रिया को अलग-अलग चरणों में पूर्ण करने की सिफारिश की
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – इस समय कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं में पूरा प्रशासन व्यस्त है. साथ ही जिले के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढता जा रहा है. ऐसे हालात में यदि जिले की ग्रामपंचायतों के आम चुनाव लिये जाते है तो जहां एक ओर जिला प्रशासन इसमें आवश्यक सहयोग नहीं दे पायेगा, वहीं दूसरी ओर चुनाव की वजह से सोशल डिस्टंqसग के नियमों का भी बडे पैमाने पर उल्लंघन होगा. ऐसे में जिले की सभी ५२४ ग्रामपंचायतों में एक साथ चुनाव करवाने की बजाय निर्वाचन की प्रक्रिया को चरणबध्द ढंग से पूर्ण किया जाये. इस आशय का सुझाव जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया है. बता दें कि, अमरावती जिले में कोरोना के संक्रमण से मुक्त रहनेवाली ग्राम पंचायतों में आम चुनाव करवाने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा जिला निर्वाचन विभाग से रिपोर्ट मंगवायी गयी है. जिसके चलते जिला प्रशासन ने सभी तहसीलदारों को पत्र जारी कर जानकारी मंगायी थी. ज्ञात रहे कि, जिले में अप्रैल से जून माह की कालावधि के दौरान ५२४ ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हुआ. qकतु इन सभी ग्राम पंचायतों में फिलहाल चल रहे कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से चुनाव नहीं लिये जा सकें और कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों के चलते निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है. जबकि लॉकडाउन लगने से पहले १७ मार्च को उम्मीदवारों के नामांकनपत्रों की पडताल चल रही थी. इस समय ग्रामीण क्षेत्रों के कई गांवों तक कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंचा है. ऐसे में संबंधित गांवों में ग्राम पंचायतों का चुनाव लिया जा सकता है अथवा नहीं, इस संभावना को टटोलने हेतु निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मंगायी थी. जिसमें जिला प्रशासन ने अपनी ओर से इस वक्त सभी ग्रामपंचायतों के एक साथ चुनाव करवाये जाने को लेकर अपनी असमर्थता दर्शायी है.
कोरोना का संक्रमण फैलने की संभावना
ग्राम पंचायत चुनाव में राजस्व, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, पुलिस, शिक्षा एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जरूरत पडती है. जो इस समय कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाययोजनाओें में व्यस्त है. इसके अलावा ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में प्रशिक्षण, यातायात, मतगणना आदि के दौरान मतदाताओं, उम्मीदवारों तथा निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियोें का एक-दूसरे से संपर्क आता है. ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित रहने के बाद अन्य लोगों के संपर्क में आया, तो उसकी वजह से संक्रमण फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता और ऐसी स्थिति में हालात को संभालना काफी मुश्किल भी हो सकता है. ऐसी आशंका जिला निर्वाचन विभाग द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजी गयी रिपोर्ट में जतायी गयी है.