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जिला बैंक संचालक मंडल की बैठक रही हंगामाखेज

राज्यमंत्री बच्चु कडू ने जिला बैंक प्रशासन को जमकर लिया आडे हाथ

अमरावती/दि.21- गत रोज स्थानीय दि. अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक मंडल की बैठक जिला बैंक के सभागार में बुलाई गई थी. जिसमें विपक्ष में रहनेवाले संचालक तथा राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बेहद आक्रामक भूमिका अपनाते हुए कई विषयों पर जिला बैंक के सत्ता पक्ष व प्रशासन को जमकर आडे हाथ लिया. एक के बाद एक कई विषयों को लेकर राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा अपनी आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराये जाने के चलते इस बैठक में स्थिति काफी हद तक हंगामाखेज रही.
इस बैठक की शुरूआत होते ही राज्यमंत्री बच्चु कडू ने इस बात को लेकर अपना आक्षेप जताया कि, 17 अक्तूबर को हुई बैठक का गलत इतिवृत्त मंजूरी हेतु इस बैठक में रखा गया है और पिछली बैठक में विपक्षी संचालकों सहित खुद उनके द्वारा रखी गई बातों को सही तरीके से इतिवृत्त में दर्ज नहीं किया गया. अत: बहुत बेहतर रहेगा कि, जिला बैंक के संचालक मंडल की सभा में ऑडिओ व वीडियो रिकॉर्डिंग की जाये.
इसके अलावा राज्यमंत्री बच्चु कडू ने जिला बैंक में प्रशासक काल के दौरान दी गई पदोन्नति को मौजूदा सत्ताधारी संचालकों द्वारा रद्द किये जाने हेतु लिये गये निर्णय पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि, प्रशासक रहते समय सीईओ कोलनकर ही पद पर थे और आज भी वे ही सीईओ पद पर है. ऐसे में अगर सीईओ कोलनकर द्वारा प्रशासक काल के दौरान पदोन्नति को मान्यता दी गई है, तो आज वे इसे रद्द कैसे कर सकते है. इसके साथ ही राज्यमंत्री बच्चु कडू ने स्टेनोग्राफर पद को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संवर्ग में दिखाये जाने पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि, यह पद तृतीयश्रेणी संवर्ग का होता है और यदि सत्ताधारी संचालकों सहित खुद सीईओ को इस विषय की जानकारी नहीं है, तो उन्होंने इस विषय को हाथ ही लगाना नहीं चाहिए.
* डेटा सेंटर को लेकर भी सुनाये खडे बोल
इस बैठक में राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, सभी बैंकों का कामकाज एक सर्वर पर चलता है तथा किसी भी प्राकृतिक आपदा के चलते यदि वह सर्वर काम करना बंद कर दें, तो उस स्थिति में पूरा डेटा रिकवर करने के लिए एक डेटा रिकवरी सेंटर बनाया जाता है, जो आरबीआई के नियमानुसार मुख्य शाखा से करीब 150 किमी की दूरी पर होना चाहिए. साथ ही बीच-बीच में कभी-कभार उस डेटा रिकवरी सेंटर को भी एक्टिवेट करते हुए यह देखा जाना चाहिए कि, डीआर साईट बराबर कर रही है अथवा नहीं, किंतु जिला बैंक ने केवल 50 किमी की दूरी पर स्थित मोर्शी जैसे छोटे से गांव में अपना डेटा रिकवरी सेंटर बनाया है और विगत 10 वर्षों के दौरान एक बार भी इस डेटा रिकवरी सेंटर की जांच नहीं की गई है. ऐसे में निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि, यह सेंटर काम कर रहा है अथवा नहीं. जबकि इस सेंटर के लिए विगत दस वर्षों से एक ही कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है और इस काम पर सालाना 35 लाख रूपयों का खर्च भी किया जा रहा है. ऐसे में इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि, आखिर विगत दस वर्ष से एक ही कंपनी को भारी-भरकम राशि का टेेंडर क्यों दिया जा रहा है. साथ ही 150 किमी की बजाय मात्र 50 किमी की दूरी पर मोर्शी जैसे छोटे से गांव में डेटा रिकवरी सेंटर किसके कहने पर बनाया गया है.
* शराब पार्टी का अड्डा है क्या बैंक परिसर
विगत दिनों जिला बैंक परिसर में चहुंओर शराब की खाली बोतले बिखरी पडी थी तथा इस परिसर से करीब 1 बोरा भरकर बोतलें जमा की गई. इस विषय को संचालक मंडल की बैठक में उठाते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, जिला बैंक परिसर में शराब की बोतलें कैसे आ रही है और कौन इस परिसर को पार्टी का अड्डा बनाये हुए है. इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर भी आक्षेप जताया कि, जिला बैंक की कैश वैन को रोजंदारी पर नियुक्त वाहन चालक के हवाले कैसे किया जाता है और कैश वैन के लिए ड्राईवर की अब तक स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं की गई. इसके साथ ही राज्यमंत्री बच्चु कडू ने जिला बैंक के कंप्यूटरीकृत कामकाज को पूरी तरह से अपडेट रखने हेतु सॉफ्टवेअर इंजिनिअर की नियुक्ति की जाये.

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