अमरावती

जिला बैंक की बैठक फिर रही हंगामाखेज

छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष हुए आमने-सामने

* विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लगाया मनमानी का आरोप, किया सभा त्याग
अमरावती /दि.7– जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक मंडल की गत रोज हुई बैठक एक बार फिर हंगामेें की भेंट चढ गई. जब सत्ताधारी और विपक्षी संचालक आमने-सामने आ गए. पता चला है कि, जिला बैंक के परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला लगाने से संबंधित प्रस्ताव को लेकर दोनों गुटों के बीच जमकर वाद-विवाद हुआ और ऐन समय पर रखे गए इस प्रस्ताव को सत्तापक्ष की मनमानी बताते हुए विपक्षीय संचालकों ने सभा त्याग कर दिया.

उल्लेखनीय है कि, जिला बैंक में विगत कुछ समय से बैंक के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू तथा विपक्षी गुट के बबलू देशमुख के गुटों के बीच एक तरह का शीत युद्ध चल रहा है. जिसका अनुभव हर बार जिला बैंक के संचालक मंडल की बैठक में आता है. गत रोज बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू व उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे की उपस्थिति में बैंक के संचालक मंडल की सभा बुलाई गई थी. जिसकी शुरुआत में ही इतिवृत्त पर मंजूर व नामंजूर रहने वाले विषयों को लेकर सत्ताधारी और विपक्षी संचालक एक-दूसरे से भिड गए. पश्चात कुछ विषयों को मान्यता दी गई और कुछ विषय विपक्षी संचालकों द्वारा अमान्य कर दिए गए. जिसके बाद अध्यक्ष की अनुमति से ऐन समय पर आए दो विषयों को मंजूर देने को लेकर दोनों गुटों के बीच अच्छा खासा मतभेद हुआ. इस समय सत्ताधारी दल की ओर से जिला बैंक परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया और इस प्रस्ताव को इसी बैठक में मान्यता देते हुए मंजूर करने का आग्रह किया गया. जिस पर विपक्षी संचालकों का कहना रहा कि, इस बारे मेें पूरी जानकारी पेश करते हुए इस विषय को अगली बैठक में रखा जाए. इसके बाद ही इसे मान्यता देने के बारे में विचार किया जाएगा. परंतु सत्ताधारी दल अपने इस प्रस्ताव को इसी बैठक में मंजूरी देने हेतु अडा हुआ था. जिसके चलते दोनों गुटों के बीच जमकर विवाद हुआ और विपक्षी संचालकों ने सत्ताधारी दल पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए सभात्याग कर दिया. जिसके चलते यह प्रस्ताव अधर में ही लटका रह गया.
बॉक्स/फोटो- अभिजीत ढेपे
* शहर में केवल शिव टेकडी पर ही छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित है और स भी लोग इतनी उंचाई पर चढकर पुतले का दर्शन नहीं कर सकते. ऐसे में हमने जिला बैंक के परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने का प्रस्ताव रखा. जिसका विरोध करने की कोई वजह ही नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद विपक्षी संचालकों ने केवल विरोध करने के लिए विरोध किया और इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए बिना सभात्याग भी किया. इससे पता चलता है कि, विपक्षी संचालकों की महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति कितना आस्था है.
– अभिजीत ढेपे,
उपाध्यक्ष, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक

 * ऐन समय पर स्टंट करने के लिए लाया गया विषय
जिला मध्यवर्ती बैंक परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने को हमारा पूरा समर्थन है. परंतु हम चाहते है कि, महाराज का पुतला सरकारी नियमों व शर्तों के अनुसार स्थापित हो. साथ ही इस पर कितना पैसा खर्च होगा, वह किस तरह से स्थापित किया जाएगा, इसकी विस्तृत जानकारी सभी संचालकों को दी जाए. जिसके उपरान्त विस्तृत विचार-विमर्श करते हुए अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाए. परंतु सत्ताधारी दल द्वारा जानबुझकर ऐन समय पर ऐसे विषय लाये जाते है, ताकि जिला बैंक की बैठक में हंगामा हो, बैंक परिसर में महाराष्ट्र का पुतला स्थापित करने के लिए हमारा विरोध नहीं है, लेकिन सत्ताधारी दल द्वारा इस विषय को लेकर राजनीति की जा रही है.
– बबलू देशमुख,
संचालक व पूर्व अध्यक्ष,
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक

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