अमरावतीमहाराष्ट्र

जिला बैंक का निर्णय शिक्षा बैंक के लिए साबित हो सकता है आदर्श

शिक्षक बैंक के उन 5 अपात्र संचालकों की उम्मीदें जागी

अमरावती/दि.24– स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में विपक्षी गुट द्वारा सत्ताधारी दल के 5 संचालकों पर अविश्वास प्रस्ताव का पत्र विभागीय सहनिबंधक को दिया गया था. जिसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि, सदस्यों द्वारा चुने गये संचालकों के खिलाफ दूसरे संचालकों द्वारा अविश्वास पारित नहीं किया जा सकता. जिला बैंक के संदर्भ में विभागीय सहनिबंधक द्वारा दिये गये फैसले को देखते हुए अब शिक्षक सहकारी बैंक के 5 संचालकों को अपात्र किये जाने का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. वहीं शिक्षक बैंक से अपात्र ठहराये गये कुछ संचालकों द्वारा कानूनी पहलूओं की जांच पडताल किये जाने के चलते शिक्षक सहकारी बैंक में राजनीतिक वातावरण भी तपने के संकेत दिखाई दे रहे है.

बता दें कि, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में बबलू देशमुख गुट के 14 संचालकों के हस्ताक्षर वाला पत्र विभागीय सहनिबंधक को दिया गया था. जिसमें सत्ताधारी गुट के संचालक नरेशचंद्र ठाकरे, जयप्रकाश पटेल, आनंद काले, अजय मेहकरे व चित्रा डहाने के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगी गई थी. जिस पर विभागीय सहनिबंधक द्वारा कहा गया कि, इन 14 संचालकों ने अन्य संचालकों को नहीं चुना है. बल्कि वे बैंक के सभासदों द्वारा चुने गये है. इसके चलते बैंक के संचालकों के खिलाफ संचालकों द्वारा ही लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को ग्राह्य नहीं माना जा सकता. वहीं दूसरी ओर करीब एक महिना पहले ही शिक्षक बैंक के सत्ताधारी दल द्वारा 5 विपक्षीय संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया था और इस समय शिक्षक बैंक में कोई विपक्षी संचालक ही नहीं है. ऐसे में जिला बैंक को लेकर सहकार विभाग द्वारा दिये गये निर्णय के आधार पर शिक्षक बैंक में क्या हो सकता है, इसकी पडताल अपात्र संचालकों द्वारा की जा रही है तथा इस हेतु कानून विशेषज्ञों की सहायता भी ली जा रही है. ऐसे में एक तरह से जिला बैंक के मामले की वजह से शिक्षक बैंक के अपात्र संचालकों की आशाएं पल्लवित हो गई है.

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