बैंक का नियम के बाहर कामकाज होने का आरोप विधायक अडसड ने लगाया
प्रतिनिधि/ दि.२२
अमरावती – जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में नौकरी भर्ती का प्रस्ताव सहकार आयुक्त ने खारीज कर दिया है. बैंक के उल्टे-सीधे और नियम के बाहर कामकाज के कारण ही यह प्रस्ताव खारीज किया गया, ऐसा आरोप लगाते हुए विधायक प्रताप अडसड ने जानकारी दी.
दी अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के उल्टेसीटे कामकाज के कारण एक के बाद एक हकीकत सामने आ रही है. एक तरफ यह बैंक किसानों नियम में होने के बाद भी किसानों को कर्ज नहीं मिलता. बैंक में मई माह में २०० करोड रुपए शासन से प्राप्त हुए, इसके बाद भी बैंक ने कर्जमाफी में पात्र रहने वाले किसान बांधवों को कर्ज वितरण करने की बजाए कोई जरुरत नहीं होने व सहकार आयुक्त के स्पष्ट आदेश होने के बाद भीकरोडों रुपये के कम्प्यूटर सॉफ्टेवेअर खरीदी करने और बैंक में नौकरी भरती करने का आग्रह शासन से किया. इसके लिए उन्होंने जिले के किसानों के साथ अन्याय किया. हमें पहले नौकरी भर्ती की अनुमति दे, करोडों रुपए के सॉफ्टेवेअर खरीदी करने की अनुमति दे, इसके बाद ही हम किसानों को कर्ज बांटेगे, ऐसा करार करेंगे, ऐसी अडाने वाली भूमिका अपनाई थी, इसलिए दो माह देरी से करार हुआ.
इसके बाद ही कर्जमाफी हुए किसानों को कर्ज देना शुरु किया याने एक तरह से शासन को ही ब्लैकमेल किया गया है. इस तरह कोई भी अवास्तव खर्च न करने के बारे में शासन के स्पष्ट आदेश मई २०२० में सहकार आयुक्त पुणे व्दारा अमरावती के विभागीय सहनिबंधक को दिये गए. उसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से आप बैंक को अपने स्तर पर तत्काल पत्र देकर अवगत कराये, ऐसी स्पष्ट सूचना दी फिर भी बैंक के विद्यमान अध्यक्ष ने इस मामले को स्थगिति मिलने के बाद कर्जवितरण पर ध्यान देने की बजाय मुंबई में जाकर टेंडर निकालने की अनुमति के लिए चक्कर काटे, ऐसा भी आरोप विधायक प्रताप अडसड ने लगाये.