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जिला बैंक के सत्ता पक्ष को मिली सुप्रीम राहत

अविश्वास सभा पर 4 सप्ताह का स्थगनादेश

* 14 फरवरी को होनेवाली विशेष सभा हुई रद्द
अमरावती/दि. 11 – जिले के किसानों की अपनी व अधिकारपूर्ण बैंक रहनेवाली जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में इस समय जबरदस्त राजनीतिक उठापटक चल रही है. जिसके तहत अल्प मत में रहनेवाले सत्ता पक्ष के संचालकों को पद से हटाने के लिए बहुमत में रहनेवाले विपक्षीय संचालकों द्वारा जमकर घेराबंदी की जा रही है. जिसके चलते विपक्षी संचालकों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए विभागीय सहनिबंधक ने जिला बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू को पद से अपात्र घोषित करने के संदर्भ में कारण बताओं नोटिस जारी करने के साथ ही आगामी 14 फरवरी को सत्ता पक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने हेतु विशेष सभा बुलाने की घोषणा की थी. जिसके खिलाफ जिला बैंक के सत्ताधारी संचालकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जिला बैंक के सत्तारुढ संचालकों को गत रोज एक बडी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने विभागीय सहनिबंधक सहित नागपुर हाईकोर्ट के आदेश पर 4 सप्ताह के लिए स्थगनादेश जारी करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद करने का निर्णय लिया. जिसके चलते आगामी 14 फरवरी को बुलाई गई विशेष सभा फिलहाल अपनेआप ही रद्द हो गई है. ऐसे में जिला बैंक के सत्ता पक्ष से वास्ता रखनेवाले पांच संचालकों को काफी बडी राहत मिल रही है.
बता दे कि, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के सत्ता पक्ष से वास्ता रखनेवाले 5 संचालकों के खिलाफ विपक्षी संचालकों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग को विभागीय सहनिबंधक शंकर कुंभार ने विगत 21 फरवरी 2024 को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि, जिला विशेष लेखापरिक्षक वर्ग-1 की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले को लेकर विशेष बैठक रद्द कर दी गई है. ऐसे में बबलू देशमुख, वीरेंद्र जगताप, हरीभाऊ मोहोड व बलवंत वानखडे सहित 14 विपक्षी संचालकों ने इस निर्णय का विरोध किया था. साथ ही बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू सहित संचालक नरेशचंद्र ठाकरे, जयप्रकाश पटेल, आनंद काले, अजय मेहकरे व चित्रा डहाणे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने विगत 17 जनवरी को ही संभागीय सहनिबंधक शंकर कुंभार के फैसले को अयोग्य घोषित किया था. जिसके चलते सत्तारुढ दल के 5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का रास्ता खुल गया था. ऐसे में हाईकोर्ट के निर्देश पर विभागीय सहनिबंधक के आदेशानुसार आगामी 14 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने हेतु विशेष सभा बुलाने का निर्णय जारी हुआ था. लेकिन इसी दौरान बैंक के सत्तापक्ष से जुडे संचालकों ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस पर गत रोज ही सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट व विभागीय सहनिबंधक के आदेशों को 4 सप्ताह बाद होनेवाली अगली सुनवाई तक स्थगित रखने का निर्णय जारी किया.

* जमकर चल रही राजनीतिक उठापटक
बता दे कि, जिला बैंक में विगत कुछ समय से जबरदस्त राजनीतिक उठापटक चल रही है तथा बैंक की सत्ता हासिल करने हेतु विपक्षी संचालकों द्वारा हर संभव मोर्चाबंदी की जा रही है. जिसके तहत विपक्षी संचालकों द्वारा सत्ता पक्ष को घेरने का एक भी मौका नहीं छोडा जा रहा और किसी न किसी नियम का हवाला देते हुए सत्ता पक्ष के खिलाफ विभागीय सहनिबंधक कार्यालय एवं हाईकोर्ट में अपील की जा रही है. ताकि, बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू सहित सत्ता पक्ष से जुडे संचालकों को अयोग्य करार देते हुए बैंक की सत्ता को बाहर निकाला जा सके. इस क्रम में जहां विभागीय सहनिबंधक द्वारा सत्ता पक्ष को राहत मिली थी और विपक्ष को झटका लगा था. वहीं हाईकोर्ट ने विपक्ष की दलीलों को मान्य करते हुए बैंक के सत्ता पक्ष को झटका दिया था. परंतु अब सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी संचालकों को झटका देते हुए बैंक के सत्ता पक्ष से जुडे संचालकों को राहत दी है. क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से आगामी 14 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने हेतु बुलाई बैठक को रद्द कर दिया गया है.


* कोर्ट के फैसले ने सहकार को दिया बल
सुप्रीम कोर्ट ने हमारा पक्ष सुनने के बाद बेहद महत्वपूर्ण फैसला दिया. जिसके चलते राज्य के सहकारी क्षेत्र में उथलपुथल होना टल गया. साथ ही इस अदालती फैसले में सहकारी क्षेत्र में लोकतंत्र को बचाने का काम भी किया है. जिसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट के प्रति बेहद आभारी है.
– अभिजीत ढेपे, उपाध्यक्ष जिला बैंक.


* आज नहीं तो कल होगा इंसाफ
बैंक के मौजूदा सत्ता पक्ष द्वारा मनमाने तरीके से बैंक का कामकाज चलाया जा रहा है तथा 100 रुपए की चीज के लिए सीधे हजार रुपए खर्च करते हुए बैंक में अंधी लूट मचाई जा रही है. जिसके चलते बैंक के दिवालियां और खत्म होने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में हम बैंक को बचाने का प्रयास कर रहे है. भले ही सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते का स्टे दिया है. लेकिन इसके बाद हम भी अपना पक्ष रखेंगे और हमें पूरा भरोसा है कि, हमारा पक्ष सुनने के बाद आज नहीं तो कल कोर्ट द्वारा इंसाफ किया जाएगा.
– बबलू देशमुख,
पूर्व अध्यक्ष व संचालक, जिला बैंक.


* हमारे पास है स्पष्ट बहुमत
जिला बैंक के सत्ता पक्ष के पास स्पष्ट बहुमत है. ऐसे में यदि हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता भी तो वह पारित नहीं हो पाता. बावजूद इसके हम सुप्रीम कोर्ट में गए, क्योंकि यदि यह अविश्वास प्रस्ताव आता तो यह सहकार क्षेत्र में लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं होता. ऐसे में हमने सत्ता बचाए रखने के लिए नहीं बल्कि सहकार क्षेत्र में लोकतत्र को जीवित रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और हमें खुशी है कि, सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष को सही माना.
– आनंद काले, संचालक, जिला बैंक.

 

 

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