अमरावती

जिला स्वास्थ्य महकमे का फिर कोविड पर ‘फोकस’

बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सिजन, दवाओं व सुविधाओं की समीक्षा

  • संक्रमण के नये खतरे को देखते हुए दुबारा की जा रही सभी तैयारियां

अमरावती/दि.10 – कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट के खतरे को देखते हुए अमरावती के जिला स्वास्थ्य महकमे द्वारा एक बार फिर कोविड महामारी से संबंधित कामों पर अपना ध्यान केंद्रीत किया जा रहा है और कोविड संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने हेतु तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही है. जिसके तहत बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सिजन व दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाओं के संदर्भ में नियोजन व समीक्षा का काम बडी तेजी से किया जा रहा है, ताकि यदि अमरावती शहर सहित जिले में एक बार फिर कोविड संक्रमित मरीज पाये जाते है, तो उन्हें इलाज हेतु भरती करने के साथ ही उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके.
बता दें कि, इससे पहले जिले के प्रत्येक तहसील क्षेत्र में एक कोविड केयर सेंटर तथा एक कोविड जांच केंद्र को शुरू किया गया था. इसमें से जांच केंद्र हेतु ग्रामीण अस्पतालों तथा केयर सेंटर हेतु जिला परिषद की शालाओं व समाजकल्याण विभाग के छात्रावासों को उपयोग में लाया गया था. किंतु अब सभी शाला व महाविद्यालय शुरू हो गये है और छात्रावासों को भी पहले की तरह छात्र-छात्राओं हेतु खोल दिया गया है. ऐसे में ये इमारतें अब कोविड केयर सेंटर के लिए उपलब्ध नहीं होगी. अत: कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आने की स्थिति में मरीजों को आयसोलेशन व कोरोंटाईन में रखने हेतु जगह की उपलब्धता को लेकर प्रशासन को काफी दौडभाग करनी पडेगी. इस बात के मद्देनजर संबंधित इमारतों की मिल्कीयत रखनेवाले विभागों को पहले ही अग्रीम सूचना दे दी गई है और उन्हें इस संदर्भ में जारी सरकारी दिशानिर्देशों की जानकारी भी दी गई है.
इस संदर्भ में स्वास्थ्य महकमे व प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों को लेकर जानकारी देते हुए जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने बताया कि, ऑक्सिजन की उपलब्धता व बेड की संख्या के मापदंड पर जिले के अस्पताल पूरी तरह से परिपूर्ण है और जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एक ही समय पर 3 हजार के आसपास कोविड संक्रमित मरीजों पर इलाज करने की क्षमता उपलब्ध है. इसके साथ ही जिले में 11 अलग-अलग स्थानोें पर ऑक्सिजन प्लांट की सुविधा भी उपलब्ध है. जहां पर मरीजों की जरूरत के अनुरूप भरपुर पैमाने पर ऑक्सिजन का संग्रहण किया जा सकता है.

मनुष्यबल की कमी से जूझना पड सकता है

यद्यपि प्रशासन के पास कोविड संक्रमण की पिछली दो लहरों के दौरान की गई तैयारियों के चलते आज ऑक्सिजन बेड, वेंटिलेटर बेड, आयसीयू वॉर्ड तथा सामान्य बेड सहित प्री-फैब अस्पताल की सुविधा भी उपलब्ध है. किंतु कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान मुलभूत सुविधाओं को बढाने के साथ-साथ करीब 1 हजार 300 डॉक्टरों, नर्सों, वॉर्डबॉय, काउंसिलर व सहायकों की अस्थायी तौर पर भरती की गई थी. जिन्हें संक्रमण की लहर के समाप्त होते ही काम से हटा दिया गया था, क्योंकि इस स्टाफ पर प्रशासन को काफी अधिक खर्च करना पड रहा था. ऐसे में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के मद्देनजर जहां एक ओर तमाम मुलभूत सुविधाओं व व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अब प्रशासन को एक बार फिर मेडिकल स्टाफ की भरती करनी पडेगी. अन्यथा स्वास्थ्य महकमे को अपर्याप्त मनुष्यबल की कमी से जूझना पड सकता है.

पद भरती हेतु तुरंत प्रस्ताव भेजेंगे

इस बारे में जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने बताया कि, कोविड संक्रमण की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए रूग्णसेवा हेतु आवश्यक डॉक्टरों, तकनीशियनों, समुपदेशकों, परिचारिकाओं, सहायकों व मेडिकल स्टाफ की अस्थायी पद भरती हेतु जिला पालकमंत्री द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. यह पदभरती जल्द से जल्द करना बेहद आवश्यक है. अन्यथा स्वास्थ्य महकमे की ओर से किये गये तमाम इंतजाम धरे के धरे रह जायेंगे.

कोविड अस्पतालों सहित प्री-फैब अस्पताल भी तैयार

बता दें कि, जिले में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का कहर जारी रहने के दौरान रोजाना बडे पैमाने पर कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे थे और जिले के सबसे बडे सुपर कोविड अस्पताल सहित तहसील क्षेत्रों में स्थित सरकारी कोविड अस्पतालों के साथ-साथ पूरे जिले में खोले गये निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों को भरती करने हेतु बेड कम पडने लगे थे. ऐसे में इंडो-अमरीकन सोसायटी के सहयोग से सुपर कोविड अस्पताल के पीछे सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था की जगह पर प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल स्थापित किया गया. जहां पर करीब 100 मरीजों को भरती करने हेतु व्यवस्था है. साथ ही इस प्री-फैब अस्पताल के हर वॉर्ड में आयसीयू, वेंटिलेटर व ऑक्सिजन की भी व्यवस्था उपलब्ध है. हालांकि उस समय कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम हो जाने के चलते इस प्री-फैब अस्पताल के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पडी. किंतु अब संभावित खतरे को देखते हुए इस अस्पताल को भी चुस्त-दुरूस्त किया जा रहा है.

ऑक्सिजन प्लांट को भी किया जा रहा तैयार

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जिले में बडे पैमाने पर कृत्रिम ऑक्सिजन की किल्लत देखी गई थी. ऐसे में प्रशासन द्वारा सुपर कोविड अस्पताल, जिला सामान्य अस्पताल व पीडीएमसी अस्पताल में लिक्वीड ऑक्सिजन के संग्रहण हेतु विशालकाय टैंक स्थापित किये गये. साथ ही जिले में कई स्थानों पर वातावरण से ऑक्सिजन प्राप्त करने हेतु ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट भी स्थापित किये गये, ताकि मरीजों की जरूरत के लिहाज से ऑक्सिजन उपलब्ध रहे. ऐसे में अब कोविड संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए इन सभी संग्रहण टैंकों व ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट को पूरी तरह से चुस्त-दुरूस्त व चाक-चौबंद किया जा रहा है.

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