अमरावती

गीले अकाल के साये में जिला, ‘नजर अंदाज’ की 64 पैसेवारी घोषित

1959 गांवों में वास्तववादी चित्र बेदखल

  • सोयाबीन के दानों में होने लगा अंकुरण

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – विगत कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जिले में खरीफ फसले खतरे में आ गयी है. 10 तहसीलों में औसत से अधिक बारिश हुई है और लगातार होनेवाली बारिश की वजह से जिले पर मंडरा रहे गीले अकाल की पार्श्वभूमि पर गुरूवार की देर रात जिलाधीश पवनीत कौर ने 1,959 गांवों में खरीफ की नजरअंदाज 64 पैसेवारी घोषित की. जिसमें जिले की फसलों का वास्तवादी चित्र बेदखल किये जाने का आरोप किसानों द्वारा लगाया गया है. बता दें कि, खरीफ सीझन की पहली मौसमी नजरअंदाज आणेवारी 30 सितंबर को घोषित की जाती है. जिसमें जिले में फसलों की मौजूदा स्थिति व औसत उत्पादकता का प्राथमिक अंदाज व्यक्त किया जाता है. हालांकि इस पैसेवारी में अब सुधार की गुंजाईश होती है. जिसके बाद जिलाधीश द्वारा संशोधित व अंतिम पैसेवारी घोषित की जाती है. इस वर्ष जिले में 862 मिमी बारिश होना अपेक्षित था. जिसकी ऐवज में 99 फीसद यानी 853 मिमी बारिश हुई है. साथ ही अगस्त माह से शुरू हुई बारिश अब भी बदस्तूर जारी है. जबकि इस समय सोयाबीन की कटाई का समय है, लेकिन खेतोें में बारिश का पानी भरा रहने की वजह से सोयाबीन की बुनाई व कटाई करना काफी मुश्किल हो चला है. वहीं लगातार बारिश में भीगने की वजह से सोयाबीन की फल्लियों में लगे दाने अंकुरित होने शुरू हो गये है और खराब हो रहे है. इसके अलावा मूंग और उडद की फसल इससे पहले ही बर्बाद हो चुकी है.
लगातार होती बारिश, बदरिले मौसम तथा जमीन में बढती नमी की वजह से कपास पर भी विभिन्न रोगों का हमला हुआ है और गुलाबी इल्लियोें का संक्रमण होने के चलते कपास का उत्पादन भी कम होनेवाला है. ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में जिले की नजरअंदाज पैसेवारी की अगली प्रक्रिया में सुधार करने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है.

नजरअंदाज पैसेवारी में सुधार करने की गूंजाईश होती है. अभी फसलों की कटाई होनेवाली है. जिसमें फसलों की उत्पादकता की वस्तुस्थिति सबके सामने आयेगी. जिसके बाद संशोधित व अंतिम पैसेवारी घोषित की जायेगी.
– रणजीत भोसले
उपजिलाधीश (राजस्व)

  • बारिश की वजह से 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित

इस बार मूसलाधार बारिश व अतिवृष्टि की वजह से करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का 33 फीसद से अधिक नुकसान होने का प्राथमिक अनुमान है. इसके अलावा नदी-नालों में आयी बाढ की वजह से आठ से दस हेक्टेयर कृषि भुमि बह गई. बारिश के चलते मूंग व उडद की फसल हाथ से जाती रही. इस वर्ष बारिश के 120 दिनों में से 82 दिन पानी बरसा. जिसके चलते सोयाबीन व कपास की फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान होने की जानकारी है.

  • तहसीलनिहाय घोषित पैसेवारी

अमरावती तहसील के 138 गांवों में 55 पैसे, भातकुली तहसील के 137 गांवों में 61 पैसे, तिवसा तहसील के 95 गांवों में 55 पैसे, चांदूर रेलवे तहसील के 90 गांवों में 66 पैसे, धामणगांव रेल्वे तहसील के 112 गांवों में 69 पैसे, नांदगांव खंडेश्वर तहसील के 161 गांवों में 64 पैसे, मोर्शी तहसील के 156 गांवों में 62 पैसे, वरूड तहसील के 140 गांवों में 71 पैसे, अचलपुर तहसील के 185 गांवों में 62 पैसे, चांदूर बाजार तहसील के 169 गांवों में 63 पैसे, दर्यापुर तहसील के 150 गांवों में 60 पैसे, अंजनगांव सूर्जी तहसील के 127 गांवों में 67 पैसे, धारणी तहसील के 152 गांवों में 62 पैसे तथा चिखलदरा तहसील के 147 गांवों में 63 पैसे की आणेवारी घोषित की गई है.

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