अमरावती

206 ग्रापं सदस्यों पर जिलाधीश की कार्रवाई शुरू

तय समय के भीतर पेश नहीं किया चुनावी खर्च का ब्यौरा

अमरावती/दि.1 – जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित 260 सदस्यों द्वारा चुनाव जीतने के बाद तय समयसीमा के भीतर चुनावी खर्च का ब्यौरा पेश नहीं किया गया. जिसके चलते अब संबंधित सदस्यों के खिलाफ जिलाधीश कार्यालय द्वारा कार्रवाई करने की शुरूआत की गई है. जिसके तहत सबसे पहली कार्रवाई धामणगांव रेल्वे तहसील में करते हुए जुना धामणगांव के नवनिर्वाचित सदस्य को अपात्र करार दिया गया है. ऐसे में अब कई ग्रापं सदस्यों में हडकंप की स्थिति है.
बता दें कि, जनवरी 2021 में हुए ग्रापं चुनाव में नामांकन पत्र पेश करते समय चुनाव के बाद एक माह के भीतर चुनावी खर्च पेश नहीं करने पर सदस्य रद्द समझी जाये, ऐसा लिखीत हलफनामा सभी प्रत्याशियों से लिया गया था. किंतु इसके बावजूद अमरावती जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में निर्वाचित हुए करीब 260 ग्रापं सदस्यों ने तय समयावधि के भीतर चुनावी खर्च का ब्यौरा पेश नहीं किया. जिसे लेकर प्रतिस्पर्धि प्रत्याशियों द्वारा जिलाधीश के समक्ष शिकायतें दर्ज करायी गई. पश्चात जिलाधीश कार्यालय द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देनेवाले ग्रापं सदस्यों के खिलाफ अपात्रता की कार्रवाई करने की शुरूआत की गई है. जिसके तहत सबसे पहली कार्रवाई जुना धामणगांव ग्रापं में की गई है. जहां पर एक सदस्य को अपात्र साबित किया गया है. वहीं कुछ और सदस्य भी जिलाधीश कार्यालय की कार्रवाई के निशाने पर है.

विदर्भ क्षेत्र में संभवत: पहली कार्रवाई

चुनाव के संदर्भ में अनियमितताएं होने की कई शिकायतें प्राप्त होती है. किंतु बाद में अपील पर अपील होते रहने के चलते कार्रवाई होने में काफी अधिक विलंब होता है और अक्सर ऐसे मामलों में संबंधित सदस्य का कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती. ऐसे में माना जा रहा है कि, विगत दिनों स्थानीय जिलाधीश कार्यालय द्वारा उठाया गया कदम अमरावती जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में कार्रवाई होने का अपनी तरह का एकमात्र व पहला मामला है.

सभी पर होगी कार्रवाई

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए उपजिलाधीश नरेंद्र फुलझेले ने बताया कि, जुना धामणगांव के मामले में सुनवाई पूर्ण होने के बाद इसे तीन माह पूर्व आदेश के लिए रखा गया था और इस मामले में जिलाधीश द्वारा आदेश निर्गमित किये जाने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की गई है. इसी तरह शेष मामलों में भी यथावकाश सुनवाई करते हुए संबंधितों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. उपजिलाधीश नरेंद्र फुलझेले के मुताबिक नामांकन पत्र के साथ हलफनामा देने के बावजूद भी चुनाव निपटने के बाद तय समयावधि के भीतर खर्च प्रस्तुत नहीं करना पूरी तरह से गलत है.

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