फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जिलाधीश की भूमिका संदिग्ध
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने फिर दोहराया आरोप

* नायब तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाणपत्रों को बताया नियमबाह्य
* सभी अवैध प्रमाणपत्रों को तुरंत खारिज किए जाने की उठाई मांग
* मालेगांव की तर्ज पर अमरावती में भी कार्रवाई होने की बात कही
* अब अचलपुर का होमवर्क कर नया मोर्चा खोलेंगे सोमैया
अमरावती/दि. 6 – आधे-अधूरे व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नायब तहसीलदारों द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र पूरी तरह से नियमबाह्य व अवैध है. जिसके चलते अमरावती शहर में नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी 4500 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए, साथ ही ऐसे प्रमाणपत्र बनवानेवाले और जारी करनेवाले लोगों के खिलाफ मालेगांव की तर्ज पर कार्रवाई करते हुए तहसील कर्मियों को निलंबित तथा अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. साथ ही साथ इस पूरे मामले में संदिग्धों का बचाव करते हुए उन्हें क्लिनचीट देने का प्रयास करनेवाले जिलाधीश कार्यालय की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए, इस आशय की मांग भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा एक बार फिर उठाई गई.
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर एक बार फिर अमरावती पहुंचे पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आज स्थानीय गाडगे नगर पुलिस थाने जाकर 468 पन्नों के दस्तावेज सबूत के तौर पर गाडगे नगर पुलिस को सौंपे. साथ ही थाने में शहर पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल के साथ करीब एक से डेढ घंटा बातचीत भी की. इसके उपरांत मीडिया कर्मियों से संवाद साधते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया ने बताया कि, उन्होंने आज पुलिस को दिए गए दस्तावेजों में दो तरह के लोगों की सूची सौंपी है. जिसमें 50 ऐसे लोगों के नाम है. जिनके जन्म प्रमाणपत्र आवेदन में आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं थे तथा 50 ऐसे लोगों के नाम भी है, जिन्हें केवल आधार कार्ड के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए. इसके अलावा भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस बात को लेकर भी आपत्ति जताई गई, जब जिलाधीश द्वारा विलंब से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार तहसील दंडाधिकारी के तौर पर तहसीलदार को दिए गए है, तो नायब तहसीलदार द्वारा जन्म प्रमाणपत्र कैसे जारी किए जाते है और जिलाधीश कार्यालय द्वारा इस पर कोई रोक कैसे नहीं लगाई गई. सबसे बडी आपत्ति तो यह है कि, जब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नायब तहसीलदार द्वारा जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने का मामला उजागर हुआ तो जिलाधीश ने संबंधितों के खिलाफ त्वरीत कदम उठाने की बजाए अपने महकमे के अधिकारियों को बचाने का प्रयास क्यों किया. ऐसे में जिलाधीश की भूमिका संदिग्ध हो जाती है. जिसके चलते उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष अमरावती के जिलाधीश की शिकायत की है.
इस समय पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बताया कि, अमरावती की तरह मालेगांव में भी बडे पैमाने पर फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नियमबाह्य तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे और उनके द्वारा यह मामला उजागर किए जाने के बाद मालेगांव में 2978 जन्म प्रमाणपत्र को रद्द करते हुए सभी मामलों की दुबारा सुनवाई की जा रही है. साथ ही मालेगांव में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करनेवाला नायब तहसीलदार फरार है. वहीं कुछ तहसील कर्मियों को निलंबित करते हुए कुछ आवेदकों एवं वकिलों को गिरफ्तार किया गया है. इसी तरह की कार्रवाई अमरावती में भी होनी चाहिए और यहां पर नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा अमरावती शहर में जारी किए गए 4500 से अधिक जन्म प्रमाणपत्रों को तुरंत रद्द करते हुए दुबारा जांच-पडताल व सुनवाई की जानी चाहिए.
* कोर्ट के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं
जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर कुछ विपक्षी नेताओं एवं वकिलों द्वारा अदालत जाने के संदर्भ में शुरु की गई तैयारियों को लेकर पूछे गए सवाल पर किरीट सोमैया का कहना रहा कि, कोर्ट के दरवाजे सभी के लिए खुले है और कोई चाहे तो इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है. जहां पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. साथ ही इस मुद्दे को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति को स्तरहिन बताते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि, केवल अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए विपक्षी नेताओं द्वारा बाहर से आकर बसे लोगों का संरक्षण एवं समुदाय विशेष का तुष्टिकरण किया जा रहा है. परंतु ऐसे प्रयासों को बिलकुल भी सफल नहीं होने दिया जाएगा. बल्कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से जन्म प्रमाणपत्र हासिल करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के नागरिकत्व की वैधता की जांच कराई जाएगी और जरुरत पडने पर जांच के काम में एटीएस को भी लगाया जाएगा.
* अति संवेदनशिल अचलपुर को भी खंगालना जरुरी
आज अमरावती के दौरे पर पहुंचने के बाद भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अचलपुर के दौरे पर भी जाने की बात कही. इसे लेकर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए किरीट सोमैया ने कहा कि, जिस तरह से अंजनगांव एवं अमरावती तहसील कार्यालयों में जांच-पडताल के बाद फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के कई मामले सामने आए है, उसी तरह जिले में अति संवेदनशिल माने जाते अचलपुर तहसील क्षेत्र में भी बाहरी लोगों के आकर बसने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में वे आज स्थिति का जायजा लेने हेतु अचलपुर जा रहे है. जिसके बाद अचलपुर को लेकर होमवर्क पूरा करते हुए आगे की बात कही जाएगी.