अमरावती

जिले के पंजीयन व मुद्रांक अधिकारी, कर्मचारी हडताल पर

खरीदी-बिक्री बंद होने से एक दिन में 5 करोड का नुकसान

अमरावती/दि.22 – जिले के खरीदी-बिक्री कार्यालयों के सभी अधिकारी व कर्मचारी बेमियाद हडताल पर जाने की वजह से राज्य सरकार का राजस्व डूब रहा है. जिसमें रोजाना जिले में 5 करोड रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. पंजीयन व मुद्रांक विभाग के अराजपत्रित अधिकारी व कर्मचारी संगठना की अगुवाई में मंगलवार से मुद्रांक व पंजीयन अधिकारियों ने राजस्व मुद्रांक अपर सचिव को अपनी विविध 21 मांगों का निवेदन सौंपकर आंदोलन की शुरुआत की.
पंजीयन व मुद्रांक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की पिछले पांच से छह वर्षो से पदोन्नतियां नहीं की गई थी. जिसमें तत्काल पदोन्नतियां की जाए, नए सेवा प्रवेश में नियम लागू किए जाए, विभाग के सभी रिक्त पद भरे जाए, कोरोना से मृत अधिकारी व कर्मचारियों के परिजनों को तत्काल 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए.
परिवार के एक व्यक्ति को अनुकंपा पर नियुक्त किया जाए, मुंबई के मुद्रांक जिलाधिकारी के पद पदोन्नतियों व्दारा भरे जाए, पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई वापस ली जाए आदि 21 मांगों को लेकर मंगलवार से आंदोलन की शुरुआत की गई. आंदोलन में 14 तहसील के 35 कर्मचारियों का सहभाग रहा. सरकार व्दारा मुद्रांक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाए जाने पर आंदोलन का निर्णय लिया गया ऐसी जानकारी संगठना के अध्यक्ष गजानन खोत ने दी.

मंगलवार को जिले के सभी कार्यालय रहे सुने

जिले के सभी खरीदी-बिक्री कार्यालय के कर्मचारी व अधिकारी मंगलवार को हडताल पर होने की वजह से सभी कार्यालय सुने रहे. यहां ग्रामीण क्षेत्रों से खरीदी करने आनेवाले नागरिकों को हडताल की कल्पना नहीं होने की वजह से उन्हें वापस लौटना पडा. तहसील के सभी 14 खरीदी-बिक्री कार्यालयों में मंगलवार को सन्नाटा छाया रहा.

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