अमरावती / दि. ३- सूखाग्रस्त जिले को सरकार की ओर से राजस्व में छूट, छात्रों का परीक्षा शुल्क माफ करना, रोजगार गारंटी योजना के काम बढाना, कृषि बिजली पंप के देयक वसुली को स्थगिती आदि सहुलियतें दी जाती है. खरीफ सत्र में अतिवृष्टि व निरंतर बारिश ने फसल बर्बाद करने से उत्पादन घटा. सूखाग्रस्त स्थिति रहने पर जिले की अंतिम आनेवारी कितनी आती है, इसकी प्रतीक्षा थी. जिलाधिकारी ने घोषित की रिपोर्ट में जिले की अंतिम आनेवारी ४६ पैसे आने से जिला सूखाग्रस्त होने की बात स्पष्ट हुई है. हर साल ३१ दिसंबर को अंतिम पैसेवारी घोषित की जाती है. जिलाधिकारी ने ४६ पैसे आनेवारी घोषित करने से जिले में सूखाग्रस्त की सहुलियतें लागू होने रास्ता खुल गया है.इस वर्ष खरीफ सत्र में जुलाई के पहले सप्ताह से ही बारिश ने जोरदार हाजिरी लगायी. सितंबर अंत तक बारिश का जोर कायम रहा था. जिले के ८० राजस्व मंडल की फसलों को अतिवृष्टि की मार लगने से सोयाबीन समेत मूंग, उडद फसल ध्वस्त हुई. तथा कपास और तुअर का भी नुकसान हुआ. साढेतीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र के फसलोें का भी नुकसान हुआ. खरीफ सत्र की आनेवारी जिला राजस्व प्रशासन ने निकाली है. जिला प्रशासन ने ४६ पैसे आनेवारी निकालने से जिले में सूखा की स्थिति है, यह बात स्पष्ट हो गई है. इसलिए अब सहुलियतें मिलने का रास्ता खुल गया है.
तहसील निहाय आनेवारी
अमरावती – ४६
भातकुली – ४७
तिवसा – ४७
चांदुर रेल्वे – ४७
धामणगांव -४६
नांदगांव खंडे.- ४७
मोर्शी – ४१
वरूड – ४३
अचलपुर – ४८
चांदूर बाजार – ४६
दर्यापुर – ४८
अंजनगांव – ४८
धारणी – ४७
चिखलदरा – ४७