अमरावती

जिले का सबसे बडा बाजार ठप्प

बडनेरा के बैल बाजार में आर्थिक व्यवहार नहीं पकड रहे गति

अमरावती/दि.26 – स्थानीय कृषि उपज मंडी द्वारा बडनेरा उपनगर की जुनी बस्ती में प्रति शुक्रवार को पशु बाजार का संचालन किया जाता है. किंतु कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लंबे समय तक शुक्रवार को लगनेवाले पशु बाजार को बंद रखा गया. जिससे क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड रहा है और यहां पर आर्थिक व्यवहार बुरी तरह से प्रभावित हुए है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय क्षेत्र के किसान फसलों की बर्बादी की वजह से पहले ही काफी आर्थिक संकटों व दिक्कतों में फंसे हुए है. वहीं अब उनके हाथ से जानवरों की खरीदी-बिक्री के जरिये होनेवाले आर्थिक लेन-देन का मौका भी चला गया है. जिसका सीधा परिणाम किसानों की अर्थव्यवस्था पर पड रहा है.
बता दें कि, बडनेरा की जुनी बस्ती में प्रति शुक्रवार को लगनेवाले बैल बाजार को समुचे क्षेत्र का सबसे बडा बैल बाजार माना जाता है. साथ ही यहां पर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्योें से भी जानवर बिक्री हेतु लाये जाते है. जिनमें विशेष तौर पर भैसों का प्रमाण काफी अधिक रहता है. इस बाजार में विभिन्न राज्यों से काफी महंगी-महंगी भैसे बिक्री हेतु लायी जाती है और यहां पर प्रति शुक्रवार को भैसों की खरीदी-बिक्री के जरिये करोडों रूपयों का व्यवहार होता है. किंतु कोरोना काल के दौरान इस बाजार को बंद रखा गया. पश्चात अब पिछले तीन-चार माह से यह बाजार लगना शुरू हुआ है. जिसके शुरूआती दौर में यहां पर बिक्री हेतु लाये जानेवाले जानवरों की संख्या बेहद कम थी और अब धीरे-धीरे भीडभाड बढ रही है, लेकिन खरीददार ही नहीं रहने का सीधा असर इस बाजार के आर्थिक लेन-देन पर पडा है. इस बार विपरित मौसम की वजह से किसानों को फसल बर्बादी का सामना करना पडा. जिसकी वजह से जेब में पैसा नहीं रहने के चलते अधिकांश किसानों ने पशु बाजार से मुंह मोड लिया है. क्योंकि वे इस समय जानवर खरीदने की स्थिति में नहीं है.
उल्लेखनीय है कि, पशु बाजार में किसान ही सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है और इस बाजार के जरिये कई लोगों को रोजगार मिलता है. जिसमें विभिन्न राज्योें से जानवरों की ढुलाई करनेवाले ट्रान्सपोर्टरों का प्रमुख रूप से समावेश है. किंतु इन दिनों इस बाजार में आर्थिक लेन-देन की रफ्तार सुस्त रहने की वजह से जानवरों की ढुलाई भी बेहद कम हो रही है और ट्रान्सपोर्टरों के पास कोई विशेष कामकाज नहीं है. इसी तरह इन बाजार पर कई लोगोें का रोजगार आश्रीत होता है. लेकिन इनमें से अधिकांश लोग इस समय खाली ही बैठे हुए है, और हर किसी को हालात के सामान्य होने का इंतजार है, ताकि विदर्भ क्षेत्र के सबसे बडे पशु बाजार में एक बार फिर पहले की तरह कामकाज शुरू हो सके.

  • कोरोना काल के दौरान पशु बाजार में खरीदी-बिक्री का काम काफी हद तक प्रभावित हुआ है. हालांकि अब मिशन बिगेन अगेन अंतर्गत स्थिति धीरे-धीरे पहले की तरह सामान्य होने लगी है और आर्थिक लेन-देन भी गति पकड रहे है. उम्मीद की जा सकती है कि, बहुत जल्द हालात पूरी तरह से सामान्य हो जायेंगे.
    – किरण साबले,
    विभाग प्रमुख, बाजार समिती, अमरावती.

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