संभागायुक्त को देना है 8 जनवरी को उत्तर
मामला पालिका और पंचायतों की ऑडिट त्रुटि का
* 4 हजार करोड से अधिक है राशि
* और भी धमाका करेंगे शेखर कानव
अमरावती/ दि.4– अमरावती विभाग की विभिन्न पालिका और नगर पंचायतों के ऑडिट में लगभग 4235 करोड की त्रुटि होने के मामले में बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने संभागायुक्त को नोटिस जारी किया है. यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता शेखर कानव ने दी. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी किया है. जिसके अनुसार विभागीय आयुक्त को आगामी 8 जनवरी की सुनवाई पर अपना उत्तर दाखिल करना है. कानव ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
* त्रुटियों को सुधारना आवश्यक
न्या. नितिन सांबरे और न्या. वैशाली जोशी ने अंतरिम आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया कि अमरावती विभाग की स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में ऑडिट में उठाई गई आपत्तियां दुरूस्त नहीं की गई. वर्ष 2018-19 में एक भी आपत्ति का अनुपालन नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि इन संस्थानों के वित्तीय लेन- देन पर ध्यान देना विभागीय आयुक्त की जिम्मेदारी है. यदि यह सच है तो सार्वजनिक पैसों का बडे पैमाने पर दुरूपयोग हो रहा है.
याचिका में दावा किया गया कि अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा जिले की अनेक पालिका तथा नगर पंचायतों के वित्तीय मामलों में कथित कदाचार चल रहा है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद विभागीय आयुक्त को मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और 8 जनवरी तक उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि संबंधित जिलाधिकारी और विभागीय आयुक्त कार्यालय को ऑडिट रिपोर्ट की त्रुटियों की संपूर्ण जानकारी होती है. दोनों कार्यालयों से कुछ समय पश्चात संंबंधित स्थानीय निकाय को पत्र भेजा जाता है. अनुपालन हेतु परिपत्र भी जारी किए जाते हैं. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. मामले में संलिप्त कर्मचारियों को निवृत्त कर दिया जाता है. सभी वित्तीय लाभ और सेवा निवृत्ति वेतन उन पर लागू होते हैं. लेकिन उनसे वसूली योग्य राशि कभी वसूल नहीं की जाती.