अमरावती

पत्नी विभक्त होने से पति को तलाक

हाईकोर्ट का निर्णय : पत्नी ने किया दूसरा विवाह

नागपुर/दि.3 – पत्नी ने कायमरुप से विभक्त होकर दूसरा विवाह करने से पहले पति को तलाक मंजूर किया गया है. मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्तिव्दय अतुल चांदुरकर व नितीन सूर्यवंशी ने यह निर्णय किया है.
अकोला स्थित श्रीराम व कविता ने 20 मई 1978 को विवाह किया था. उसके बाद 31 मार्च 1982 को वे सहमति से करार कर विभक्त हुए. कविता ने 4 अप्रैल 1991 को दूसरा विवाह किया. इस बीच श्रीराम ने कानूनी तलाक लेने के लिए परिवार न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. परिवार न्यायालय ने श्रीराम व कविता कानूनी रुप से अलग न होने से और श्रीराम को स्वयं की गलती का लाभ नहीं दिया जा सकता, ऐसा निरीक्षण नोंद कर वह याचिका खारीज की. जिससे श्रीराम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाईकोर्ट ने वह अपील मंजूर कर श्रीराम को तलाक दिया. कविता विभक्त हो जाने के बाद से श्रीराम के घर नहीं लौटी. साथ ही उसने दूसरा विवाह किया. जिससे उसकी श्रीराम से विभक्त रहने की इच्छा स्पष्ट होती है, इस तरह का निर्णय देते हुए स्पष्ट किया है.

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