अमरावती

दिव्यांग रशीद पेट भरने बहा रहा पसीना

टाकरखेडा संभू में हाथगाडी पर करता हैं फल व सब्जी का व्यवसाय

टाकरखेडा संभू/दि.25– वर्तमान स्थिति में नौकरी के लिए लोग काफी भाग-दौड कर रहे है. लेकिन टाकरखेडा संभू का 42 वर्षीय दिव्यांग रशीद छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपना परिवार का पेट भर रहा है. इस कारण ऐसे व्यक्ति का आदर्श वर्तमान की युवा पीढी व्दारा लेना आवश्यक है.
टाकरखेडा संभू निवासी रशीद खां बिसमिल्ला खां (42) नामक व्यक्ति जन्म से ही हाथ और पैर से दिव्यांग है. लेकिन इस दिव्यांगता पर मात करते हुए उसने गांव में ही 12वीं तक शिक्षा पूर्ण की. उसके परिवार की परस्थिति आर्थिक रुप से काफी दयनीय रहते उसने अमरावती से उच्च शिक्षा पूर्ण की. लेकिन नौकरी न रहने से तथा परिवार की जिम्मेदारी बढने से उसने अपने नसीब को दोष न देते हुए गांव में ही सब्जी फल के अलावा हर मौसम के हिसाब से जो व्यवसाय मिले वह करना शुरु कर दिया. वर्तमान में दिव्यांगों के लिए अनेक योजनाएं है लेकिन रशीद खां को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला. घरकुल भी न मिलने का खेद उसने व्यक्त किया है.
शासन की इस योजनाओं पर अवलंबित न रहते पिछले 15 साल से सब्जी का व्यवसाय कर वह अपने परिवार का पेट भर रहा है. उसके परिवार में पत्नी नूसरत अंजूम रशीद खां, 6 वर्षीय दानिश व 5 वर्षीय अलिजा फातिमा ऐसी दो संतान है. दोनों बच्चों के शिक्षण की जिम्मेदारी रशीद खां पूर्ण कर रहे है. इसके अलावा पिता बिसमिल्ला खां शमशेर खां को पैरालिसिस का झटका आया है. उनकी दवाई का खर्च भी रशीद खां पर ही है ऐसी परिस्थिति में भी रशीद व्यवसाय कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता रहने से उसका आदर्श आज की युवा पीढी को लेने की आवश्यता है.

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