* भारतीयों की खुशी में अमेरिका हुआ शामिल
अमरावती/दि.8– भारतीयों के लिये ये सुनहरा गर्व भरा अवसर रहा अपने सबसे बड़े त्यौहार दीवाली मनाने का. सनद रहे कि अमेरिका के बहोत से राज्यों में 1 नवंबर को स्कूलों में बाकायदा दीवाली का ऑफिशियल अवकाश घोषित किया गया. जैसा कि अमेरिका में 3-4 दशकों में तकनीकी क्षेत्र में भारतीय प्रतिभाओं का खास मुकाम है और भारतीय मूल के प्रवासियों के संस्कारों ने विदेश में काम के प्रति लगन, मेहनत और अपनी महान भारतीय संस्कृति से भी देश का नाम इतना ऊंचा किया है कि अति विकसित अग्रणी देश अमेरिका को भारतीय त्यौहार के सम्मान में अवकाश भी घोषित करना पड़ा.
* ये है हमारी भारतीय अस्मिता
तकरीबन सभी बड़े राज्य और शहरों चाहे न्यूयार्क हो,टेक्सास हो, पेंसिलवानिया हो, अटलांटा में जॉर्जिया हो, वाशिंगटन डी सी हो भारत की तरह सारे अमेरिका में दीवाली का उत्साह चरम पर रहा. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के तकरीबन 600मेयर, कारपोरेट्स संग दिवाली समारोह आयोजित किया. मीडिया के सभी चैनलों में अखबारों में विशेष प्राइमटाइम व पेजेस में दीपों के इस त्यौहार को जो स्थान दिया. उससे हम भारतीयों की खुशियां चौगुनी कर दी. भारतीयों को मैं बतौर साक्षी, बेहद खुशी और गर्व से बताना चाहती हूं कि, दीवाली पूर्व जहां वैश्विक मंच न्यूयार्क का टाइम्स स्कवेयर भारतीयों के रंग में, शिकागो, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर भी रंग भरी दिवाली से जगमगा उठा.
टेक्सास के ऑस्टिन में राऊंड रॉक शहर में 8 दिन पूर्व ही 10-15000 भारतीयों की भीड़, जो सुबह से शाम तक रंगारंग सांस्कृतिक दीवाली मेले की तरह मना रही थी जिसमें-युवा, बच्चे, वृद्ध सभी कहीं घास पर अपनो दरी बिछाकर, या अपने घरों से फोल्डिंग कुर्सियों पे बैठकर सारे इवेंट जैसे फैशनशो गायन,उत्तर,दक्षिण,पूरब,पश्चिम के नृत्यों,को हर राज्य की वेशभूषा में,हास्य नाटिका का आनंद लेते दिखे. तकरीबन 250 भारतीय स्टाल्स चाट, इडलीदोसा, गोला, पानीपुरी, बिरयानी और बच्चों के गेम्स, ज्वेलरी स्टॉल्स, भारतीय परिधानों के रंगभरे स्टाल्स अनेकों मनोरंजक वातावरण में भारतीयता के रंग में रंगे लोग, खुशियों की बौछार में मानो दीवाली के हर पल को जीकर भारत में होने का अहसास जी रहे से लगे.
यहां का शानदार राधे माधव राधारानी के विशाल अद्भुत मंदिर में भी दिवाली की पूर्व संध्या में 10-15000 लोग शाम की भव्य आरती में राम दरबार की मोहक झांकी में शामिल होकर रंगीन आतिशबाजी को निहारने जमा होकर देर रात तक गरबा के संगीत में राधे राधे की गूंज में खोकर थिरकते रहे. साथ ही हर भारतीय व्यंजन दोसा, चाट, पावभाजी, छोले भटूरे, चाय सबका परिवार सहित आनंद लेते हैं. सैकड़ों स्टालों में परिधान, ज्वेलरी, बच्चों के गेम्स, मेहंदी आदि सभी स्टालों में जबरदस्त भीड़ लगी रही. मजे की बात कि इस्कॉन सहित हर मंदिर में जगमग रोशनी में बच्चों व परिवार सहित लोग भोग,प्रसादम् इ का आनंद लेते नजर आये.
बच्चों संग भारतीयों ने दीवाली की सजावट भी घरों में पहले से जोर शोर से की महिलाओं ने घरों के बाहर रंगोली भरी धनतेरस की भी खूब खरीदी की*यहां के प्रसिद्ध मॉल कास्को ने गेंदे के फूल, दीये, फटाके की भी खूब बिक्री की. हर कॉलोनी (कम्यूनिटी) में घर घर दोस्तों, रिश्तेदारों सहित दीवाली मिलन हफ्तों चलता रहेगा. मिठाइयां बांटी जा रही हैं. खुशियों की बौछार, हर घर में रौनक सी बिखरी हुई है, पारंपरिक पोशाकें कुर्ता, पायजामा, साड़ी, लहंगे में स्त्री-पुरुष नजर आ रहे. मानो सारा भारत अमेरिकन शहरों में उतर आया हो. सुखद समाचार ये भी कि, ऑस्टिन के प्राइमरी स्कूल के 80 भारतीय पालकों ने 150 शिक्षकों संग भारतीय व्यंजन, दियों, रंगोली, उपहार सहित दीवाली सच कहूं पाठकों, जिस उत्साह से भारतीय प्रवासी दीवाली मना रहे, इस माहौल से इनके देशप्रेम ने अभिभूत सा कर दिया है. मानो, सारा संसार रोशनी के इस पर्व में स्नेह, प्रेम, सौहार्द में नहा रहा है, ऐसी है हमारी भारतीय अस्मिता, संस्कार और दीपों का त्यौहार जहां अंधेरे छंट रहे और सारा संसार रोशनी से जगमगा रहा.