अमरावती

इंजिनिअरींग प्राध्यापकों व शिक्षकों की दीवाली अंधेरे में

बिना अनुदानित महाविद्यालयों में २७ माह से वेतन ही नहीं

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – संभाग के बिना अनुदानित अभियांत्रिकी व तंत्रनिकेतन महाविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन विगत छह माह से तथा कुछ महाविद्यालयों में विगत २७ माह से बकाया है. ऐसे हालात में कोरोना काल के दौरान बिना अनुदानित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के प्राध्यापकों हेतु यह दीवाली अंध:कारमय रहनेवाली है. इन्हीं महाविद्यालयों से देश में करीब ८० फीसदी उच्च शिक्षित मनुष्यबल का निर्माण किया जाता है और आज उन्हीं महाविद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष अपने खुद के भविष्य का सवाल खडा हुआ है. समाजकल्याण विभाग के मार्फत मिलनेवाले छात्रवृत्ति तथा सरकार की ओर से मिलनेवाली स्कॉलरशिप के भरोसे पर सभी निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों का आर्थिक व्यवहार चलता है, लेकिन समाजकल्याण विभाग की ओर से मिलनेवाली छात्रवृत्ति का धनादेश गत वर्ष इन महाविद्यालयों को प्राप्त नहीं हुआ. वहीं इस वर्ष छात्रवृत्ति के लिए २०२०-२१ का ऑनलाईन पोर्टल भी शुरू नहीं हुआ. ऐसी स्थिति में बिना अनुदानित निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व कर्मचारियों को विगत ६ से २७ माह से बिना वेतन काम करना पड रहा है. संपूर्ण महाराष्ट्र में अभियांत्रिकी महाविद्यालयोें के आर्थिक मसलों पर सरकार का कोई अंकूश नहीं है. साथ ही सरकार की उदासिनता की वजह से केवल अमरावती ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के कई अभियांत्रिकी व तंत्रनिकेतन महाविद्यालयों में नियमित वेतन का मसला अब तक हल नहीं हुआ है. ऐसे में कई प्राध्यापकों पर रोजगार रहने के बावजूद भूखमरी की नौबत आ पडी है तथा जबर्दस्त मानसिक तनाव व आर्थिक दिक्कतों की वजह से उनका जिना भी मुश्किल हो गया है. साथ ही इस समय विगत अनेक माह से वेतन नहीं मिलने के चलते इन प्राध्यापकों की दीपावली अंधेरे में बीतने के पूरे आसार है.

इस बीच महाराष्ट्र टे्िननकल स्टाफ एसो. नामक अभियांत्रिकी शिक्षकों के संगठन द्वारा संगाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर, विभागीय तंत्रशिक्षा संचालक डॉ. जाधव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निवेदन देते हुए उन्हें सभी समस्याओं की जानकारी दी गई. साथ ही इस समस्या को हल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई. ज्ञापन सौंपते समय संगठन के अध्यक्ष राजेश कुबडे, सचिव प्रा. पडोले, कोषाध्यक्ष डॉ. ठाकरे, सदस्य डॉ. इंगोले, डॉ. खेरडे, डॉ. जोहेर, डॉ. बमनोटे, डॉ. धोपटे, डॉ. गुल्हाने आदि उपस्थित थे. इस प्रतिनिधि मंडल द्वारा चेतावनी दी गई कि, यदि जल्द ही उनकी समस्याओं को हल नहीं किया गया, तो बहुत जल्द आंदोलन की नई दिशा तय की जायेगी.

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