अमरावती/दि.9– ठेका कर्मियों के साथ नियमित कर्मचारियों का वेतन दिवाली मुंहाने पर रहते हुए भी न होने से कर्मचारियों की दिवाली अंधेरे में जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, ऐसा बताते हुए बुधवार 8 नवंबर की शाम 6 बजे कर्मचारियों ने मनपा कर्मचारी कामगार संगठना के बैनर तले द्वारसभा लेकर वेतन देने की मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी कर आंदोलन किया.
दिवाली सभी तरफ बडे उत्साह के साथ मनाई जाती है. मनपा में वेतन के लिए हंगामा शुरू रहने से मनपा कर्मचारियों को नारेबाजी करने की नौबत आ गई. दिवाली मुंहाने पर रहते हुए भी अपने पाल्यो के लिए कपडे और मिठाई लेने के लिए तो दूर की बात लेकिन कुछ कर्मचारियों को घर का किराया और बिजली का बिल अदा करने के लिए भी पैसे न रहने से वेतन कब होगा, इस चिंता में कर्मचारी है. मनपा कर्मचारी कामगार संगठना की तरफ से आयुक्त देवीदास पवार को इस संदर्भ में अनेक बार पत्र दिए गए.
मनपा में सभी कार्यड़त अधिकारी, कर्मचारी, सफाई कामगार, सेवानिवृत्त कर्मचारियों दिवाली जैसे खर्चित पर्व के लिए सातवें वेतन आयोग का बकाया 20 हजार रुपए देने की मांग की गई थी. मनपा के पास कर्मचारियों का नियमित वेतन करने के लिए पैसे नहीं है फिर सातवां वेतन आयोग का बकाया कहां से देगे, आयुक्त की तरफ से केवल आश्वासन मिलता रहने से और दिवाली त्यौहार के पूर्व वेतन मिलना असंभव रहने से कर्मचारियों ने मनपा के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने द्वारसभा लेकर प्रशासन का निषेध किया. पिछले दो से आयुक्त से चर्चा शुरू रहते हुए भी प्रतिसाद न मिलने से आखिरकार कर्मचारियों ने बुधवार की शाम 6 बजे मनपा में वेतन देने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की. राज्य सरकार की तरफ से वित्त आयोग की निधि प्राप्त न होने से नियमित व कंत्राटी कर्मचारियों का तीन से चार माह का वेतन न होने से उनकी दिवाली भी अंधेरे में जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
* संगठना को लिखित आश्वासन दिया
संगठना द्वारा वेतन की मांग की गई है. दिवाली के पूर्व वेतन होने के लिए वरिष्ठ स्तर पर पत्र व्यवहार किया है. वेतन कब तक होगा, इस बाबत संगठना को लिखित स्वरुप में पत्र दिया है. फिर भी आंदोलन किया जा रहा है.
देवीदास पवार.आयुक्त मनपा.
* अब हर दिन शाम द्वारसभा
दिवाली जैसे त्यौहार को कर्मचारियों का वेतन न होने से कर्मचारियों में असंतोष का वातावरण है. इसके पूर्व भी पत्र दिया गया था. लेकिन अब तक नियमित कर्मचारियों का वेतन नहीं हुआ. साथ ही ठेका कर्मियों का तीन माह का वेतन लेबित है. दिवाली कैसे मनाना, ऐसा प्रश्न निमार्ण होने से हर दिन शाम द्वारसभा लेकर नारेबाजी की जाएगी. यदि दिवाली तक वेतन नहीं हुआ तो कामबंद आंदोलन किया जाएगा.
प्रल्हाद कोतवाल, महासचिव, कामगार संघ