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लगातार प्रयास के बाद भी कोई लाभ नहीं
अमरावती/दि. २९ – कोरोना महामारी के कारण हर क्षेत्र में नुकसान हुआ है. कई सरकारी विभाग के कर्मचारियों का वेतन नहीं हुआ. इसी श्रृंखला में चालक, वाहक व कर्मचारियों का वेतन पिछले दो माह से नहीं हुआ है, इसके कारण एसटी कर्मचारियों की इस बार दीपावली अंधेरे में बीतने की संंभावना है.
लॉकडाउन शुरु हुआ, जिसके कारण महाराष्ट्र राज्य परिवहन मंडल को आर्थिक नुकसान झेलना पड रहा है. पिछले डेढ-दो माह से एसटी बस की यात्रा शुरु की गई है. परंतु एसटी महामंडल लॉकडाउन के कारण काफी आर्थिक परेशानी में आ गया है. इसके कारण एसटी महामंडल ने पिछले दो माह से कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया है. फिलहाल एसटी महामंडल की बसों की फेरियां है फिर भी यात्रियों का बहुत अच्छा प्रतिसाद नहीं है. लॉकडाउन काल में एसटी की फेरियों में गति नहीं आयी. जिसके कारण पिछले दो माह से कर्मचारी बगैर वेतन के ही काम कर रहे है. कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण उनके परिवार पर आर्थिक खतरा मंडराने लगा है. कई कर्मचारियों के परिवार के सदस्य बीमार है, उनकी दवा, पढाई का खर्च भी नहीं निकल पा रहा, इसके कारण एसटी कर्मचारियों के सामने प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है. दूसरे गांव में रहकर ड्युटी पूरी करने वाले एसटी कर्मचारियों के सामने घर का किराया, दीपावली कैसे मनाए यह समस्या खडी है. एसटी कर्मचारियों को बकाया वेतन दिया जाए, इसके लिए कुछ संगठनाओं ने शासन के पास प्रयास किये है. महामंडल ने भी शासन से इस बारे में पत्र व्यवहार किया है, मगर शासकीय स्तर पर इस बारे में निर्णय नहीं लिया गया, जिससे एसटी कर्मचारियों की समस्या जैसी की वैसी ही बनी हुई है.
शासन स्तर पर प्रयास शुरु
अमरावती के आठ डिपो में काम करने वाले कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला. बकाया वेतन के लिए महामंडल शासन स्तर पर प्रयास कर रहा है. शासन इस बारे में अंतिम निर्णय लेगा. इसी तरह अमरावती डिपो की ३८ भंगार बसो की बिक्री की जा रही है, इससे महामंडल को कम से कम ६० लाख रुपए वेतन अपेक्षित है.
– श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक, एसटी महामंडल
आठ डिपो के कर्मचारी प्रभावित
अमरावती जिले में एसटी महामंडल के आठ डिपो है, इसके २ हजार ५०० कर्मचारी काम करते है. सभी कर्मचारियों का पिछले दो माह से वेतन नहीं हुआ. एक तरफ एसटी बस की यात्रा शुरु हो चुकी है और दूसरी ओर एसटी के यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए काम कर रहे कर्मचारियों को ही वेतन नहीं मिल रहा हैं, ऐसी चर्चा कर्मचारियों में शुरु है.