अमरावती

वंडली कांड के तीनों मृतकों की होगी डीएनए टेस्ट

आशीष ठाकरे को वंडली लाकर छोडने वाले की हो रही खोजबीन

* पेट्रोल कहां से खरीदा इस बात को लेकर भी हो रही जांच
अमरावती/दि.27– विगत 24 सितंबर को वरुड तहसील अंतर्गत वंडली गांव स्थित एक कच्चे घर से अचानक ही आग की लपटे उठती दिखाई दी थी. पश्चात इस जले हुए मकान में से पूरी तरह जलकर खाक हो चुके तीन लोगों के शव बरामद हुए थे. जिनकी पहचान लता सुरेश भोंडे (47) व उसके बेटे प्रणय सुरेश भोंडे तथा लता भोंडे के वरुड निवासी दामाद आशीष ठाकरे (25) के तौर पर हुई थी. इसके साथ ही एक रिश्तेदार द्बारा रात के समय आशीष ठाकरे द्बारा की गई मोबाइल कॉल को लेकर दी गई जानकारी के जरिए यह कहानी भी सामने आयी कि, आशीष ठाकरे ने ही अपनी सास लता भोंडे व साले प्रणय भोंडे को पेट्रोल डालकर जला दिया था. फिर उसके बाद खूद पर पेट्रोल छिडकते हुए अपने आप को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. क्योंकि वह अपनी पत्नी के मायके चले आने की वजह से नाराज था. ऐसे में अब पुलिस तीनों शवों की डीएनए टेस्ट करने के साथ ही इस बात की भी जांच कर रही है कि, आशीष ठाकरे ने इस भीषण कांड को अंजाम देने के लिए पेट्रोल कहां से खरीदा था तथा उसे वरुड से वंडली गांव किसने लाकर छोडा था.
बता दें कि, वंडली गांव में रहने वाली लता भोंडे की बेटी ने करीब 6 माह पहले वरुड में रहने वाले आशीष ठाकरे से प्रेम विवाह किया था. परंतु कुछ दिन सही ढंग से रहने के बाद आशीष ठाकरे ने शराब पीकर अपनी पत्नी के साथ मारपीट वाला व्यवहार करना शुरु किया. जिसके चलते वह 3 माह पहले आशीष ठाकरे को छोडकर अपनी मां के यहां वंडली गांव वापिस चली गई.

जिसके बाद आशीष ठाकरे ने आए दिन वंडली गांव स्थित अपने ससुराल जाकर तमाशा करना शुरु किया, तो लता भोेंडे ने हमेशा ही होने वाली इस झंझट से छूटकारा पाने के लिए अपनी बेटी को राजूरा गांव में रहने वाली उसकी मौसी के यहां भेज दिया था. इस बात की जानकारी मिलने पर आशीष ठाकरे और अधिक बौखला गया था तथा इसी बौखलाहट के तहत वह विगत 24 सितंबर की रात शराब की नशे में धूत होकर अपने एक दोस्त के साथ वंडली गांव पहुंचा. अपने दोस्त के साथ दुपहिया पर सवार होकर वरुड से वंडली गांव आते समय आशीष ठाकरे ने रास्ते के किसी पेट्रोल पंप से दुपहिया वाहन की टंकी में पेट्रोल भरवाया था और 100 रुपए का पेट्रोल प्लास्टिक की बोतल में भी लिया था, अब ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है. वंडली गांव पहुंचने के बाद आशीष ठाकरे का दोस्त उसे वहां छोडकर वापिस चला गया था. इसके बाद आशीष ठाकरे रात के वक्त अपनी ससुराल पहुंचा. जहां घर में लता भोंडे व प्रणय भोंडे गहरी नींद में सो रहे थे. इस समय आशीष ठाकरे ने उन दोनों पर पेट्रोल छिडकते हुए उन्हें जिंदा ही जला दिया था. जिसके बाद आशीष ठाकरे ने राजूरा गांव में रहने वाले अपने मौसेरे ससुर को फोन पर जानकारी दी थी कि, उसने अपनी सास व साले को जलाकर मार डाला है और अब वह खुद भी जलकर आत्महत्या करने जा रहा है. उसके बाद आशीष ठाकरे ने बचा हुआ पेट्रोल खुद पर छिडककर और फिर खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसी चक्कर में झोपडी में रखे साजो-सामान ने भी आग पकड ली थी और देखते ही देखते पूरी झोपडी जलकर खाक हो गई थी.
आशीष ठाकरे द्बारा आत्महत्या किए जाने से पहले अपने मैसेरे ससुर को की गई फोन कॉल की वजह से इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है. जिसकी वजह से तीनों शवों की शिनाख्त भी हो पायी. परंतु शिनाख्ती की पुष्टि करने हेतु पुलिस द्बारा तीनों शवों के डीएनए सैंपल लेकर उन्हें फारेंसिक जांच हेतु भिजवाया गया. इसके साथ ही अब इस बात की भी खोजबीन की जा रही है कि, जिस दोस्त के साथ आशीष ठाकरे वरुड से दुपहिया वाहन पर सवार होकर वंडली गांव आया था. वह कौन था. साथ ही रास्तें में आशीष ठाकरे ने किस पेट्रोल पंप से प्लास्टिक की बोतल में पेट्रोल खरीदा था.

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