अमरावती

क्या कांग्रेस वाले मुख्यमंत्री का सुनते नहीं?

डॉ. अनिल बोंडे का सवाल

अमरावती/दि.1 – रविवार को रात 8 बजे मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का भाषण सुना. मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर 15 दिन लॉकडाउन रहेगा. लोगों को रास्ते पर न आने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये, लेकिन कांग्रेस वाले ही मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का सुनते नहीं. 30 मई को मोदी सरकार को 7 वर्ष पूर्ण हुए, इस कारण भाजपा कार्यकर्ता समूचे देशभर सेवा कार्य में जुटे थे. उसी समय कांग्रेस कार्यकर्ता रास्ते पर आकर मास्क न बांधते हुए मोदी सरकार का निषेध कर रहे थे. नागपुर में तो बैनर जलाते जलाते दो पुलिस वाले भी झूलस गए फिर भी कांग्रेस वालों को शर्म नहीं आयी. इस तरह का बयान राज्य के पूर्व मंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने दिया है. अमरावती, नागपुर, मुंबई व अन्य जगह कांग्रेसियों ने निदर्शन करने के लिए मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की क्या अनुमति ली थी? इस तरह का प्रश्न डॉ.अनिल बोंडे ने किया है.
मराठा क्रांति मोर्चा के नरेंद्र पाटील ने मराठा कार्यकर्ताओं की बैठक ली, इस कारण अपराध दर्ज किये गए. राज्यभर में कांग्रेस वालों ने निदर्शन किये, इसपर उध्दव ठाकरे क्या कार्रवाई करेंगे? सांसद रामदास तडस ने पत्रकार परिषद ली, इस कारण अपराध दर्ज किये. शराब बंदी हटाने वाले विजय दारुभट्टीवार ने पत्रकार परिषद ली. उनपर उध्दव ठाकरे क्या कार्रवाई करेेंगे, कांग्रेस के इस निदर्शन में विधायक सुलभा खोडके, विधायक बलवंत वानखडे आंदोलन में थे. मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के उपदेशों को कांग्रेस के विधायक कवडी की भी कीमत नहीं देते. उध्दव ठाकरे लॉकडाउन लगाकर जनता को कैद रख सकते है, व्यापारियों को बंद कर सकते है, निरपराधों को फटके मार सकते है, लेकिन कांग्रेसियों पर अंकुश लगाते समय वे हिचकिचाते है इन शब्दों में पूर्व मंत्री अनिल बोंडे ने कांग्रेसियों के आंदोलन की आलोचना की.

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