* भजन समाज जागृति के लिए है, मनोरंजन के लिए नहीं
गुरुकुंझ मोझरी/ दि.26– वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के साहित्य समाज जागृति के लिए है, उनके भजन मनोरंजन के लिए नहीं. उनके भजन के भावार्थ मानवी मन को जिने का मार्ग दिखाते है. मनुष्य को भगवान जागृत करते है. जकडे हुए समाज को जगाने की ताकत राष्ट्रसंतों के शब्दों में है. इसलिए राष्ट्रसंत के भजनों की संगीत चाल बनाने के लिए तोडमोड न करें, ऐसा आह्वान श्री गुरुदेव युवा मंच ने किया है.
यु-ट्युब चेनल पर कई संगीतकार, गायकों ने राष्ट्रसंत के गाने के शब्दों की तोडमोड कर विचित्र चाल बनाई है. इसके कारण राष्ट्रसंत के गितों-भजनों का अर्थ बदलकर समाज जागृति का भावन खत्म होकर मनोरंजन का भाव निर्माण होता है. राष्ट्रसंत के आवाज के मंगलनाम तुझे सतत गाउ दे हे भजन या झोपडी माझ्या इस नाम से संग्रहीत यु-ट्युब चैनल पर गायक अजित कडकडे ने गाया है. उनका अनुकर करने वाला बडा वर्ग है. इस गाने को संगीत विलास पाटील ने दिया. यही भजन राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने खुद की आवाज में गाये यु-ट्युब पर है. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने भजन को लगाई चाल में भजन गाये, अगर हमने अपने पध्दति से चाल लगाई तो भजन का तोडमोड होता है, ऐसा न करे, यह भी आह्वान किया गया.