अन्य के साथ नहीं खुद के साथ स्पर्धा करें- सांसद नवनीत राणा
भविष्य में कर्तव्य की जोड महत्वपूर्ण- मंत्री बच्चू कडू
अमरावती दि.5 – स्वर्गीय माणिकराव घवले स्मृति प्रतिष्ठान और श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय की ओर से स्वर्गीय माणिकराव घवले स्मृति राज्य स्तरीय वाद विवाद स्पर्धा का शानदार उद्घाटन किया गया. विदर्भ के सबसे बडे और पूरे महाराष्ट्र में विख्यात इस स्पर्धा का 20वां वर्ष हैं. ‘खाजगीकरणाचे धोरण लोकहिताचे आहे’ इस ज्वलंत विषय पर स्पर्धा आयोजित की गई थी.
श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय के डॉ.पंजाबराव देशमुख सभागृह में श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यकारी सदस्य हेमंत कालमेघ की बतौर अध्यक्षता में हुई, इस वादविवाद स्पर्धा का उद्घाटन सांसद नवनीत राणा के हस्ते किया गया और महाराष्ट्र के शालेय शिक्षामंत्री बच्चू कडू इस समारोह में विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे. पार्षद सुमती ढोके भी इस समारोह में प्रमुख रुप से उपस्थित रही.
पढाई करते समय डिग्री के साथ ही प्रत्यक्ष अनुभव महत्वपूर्ण है. तुम्हे आज क्या करना है, यह महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज जो काम अपने व्दारा होता है, उससे ही अपना कल का भविष्य तैयार होता है. हमने लोगों से नहीं बल्कि खुद के साथ स्पर्धा करना चाहिए, मैं जो कर सकता हूं, उससे और अधिक अच्छा मैं कैसे कर सकता हूं, यह प्रयास होना चाहिए, ऐसे शब्दों में सांसद नवनीत राणा ने अपने विचार रखते हुए स्पर्धकों को शुभकामनाएं दी.
शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू ने जिवन में कर्तव्य की जोड काफी महत्वपूर्ण होने की बात बताकर लोगों को काम की जरुरत होने की बात स्पष्ट की. भाषण के साथ अच्छे काम किये तो, लोगों का मन जीत सकते है. उनका आशीर्वाद मिलता है.
उद्घाटन समारोह के अध्यक्ष हेमंत कालमेघ ने अपने भाषण से शिक्षा महर्षि डॉ.पंजाबराव देशमुख के वक्तृत्व शैली का उदाहरण दिया और भाऊसाहब हमारे ‘रोल मॉडल’ होना चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा. किसी भी काम में लगातार प्रयास जरुरी है. स्वर्गीय माणिकराव घवले इस स्मृति प्रतिष्ठान ने इस स्पर्धा का आयोजन लगातार शुरु रखा है. इसकी हेमंत कालमेघ ने प्रशंसा की. देहरादुन से आये परिक्षक रवि शुक्ला ने भी अपने मत रखे.
स्वर्गीय माणिकराव घवले स्मृति राज्यस्तरीय वादविवाद स्पर्धा के संयोजक प्रफुल्ल घवले ने अपने प्रास्ताविक में इस स्पर्धा के आयोजन के पीछे की भूमिका सबके समक्ष रखी. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रामेश्वर भिसे ने स्वागत पर भाषण में महाविद्यालय के विभिन्न उपक्रमों की जानकारी दी. मेहमानों का स्वागत वैशाली घवले, मयुर चौधरी, भीम बारसे, गौरव इंगले, डॉ.अमित गावंडे, वैष्णवी इंगले ने किया. उद्घाटन समारोह का मंच संचालन प्रा. रत्नाकर शिरसाट और आभार प्रदर्शन डॉ.कुमार बोबडे ने किया. महाराष्ट्र के सभी जिले के 65 स्पर्धकों ने सहभाग लिया.