अमरावती/दि.5 – शिकायतकर्ता महिला के पति का निधन होने के बाद संपत्ति का विवाद निर्माण होने से इस महिला ने अपने भांजे और परिवार के अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन कुर्हा में शिकायत दर्ज करवाई थी. इसमें अल्पवयीन पुत्री के साथ छेडछाड करने की शिकायत भी साथ में दिए जाने के कारण परिवार के व्यक्तियों पर पोक्सो सहित अन्य अपराध दर्ज किए गए थे.
एड. यश प्रशांत भेलांडे ने इस मामले में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के समक्ष युक्तिवाद करके आरोप पत्र दाखिल न करने की विनती की थी. उस संदर्भ में न्यायालय ने मामले की जांच करके इस मामले मेें दोषियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल न करने के आदेश निर्गमित किए. कुर्हा की फिर्यादी महिला के पति का निधन हो जाने के कारण वारिस का अधिकार कानून के अनुसार इस महिला ने संपत्ति के लिए विवाद निर्माण किया. विवाद बढ जाने के बाद इस महिला ने परिवार के सभी सदस्यों से बैर लेते हुए परिवार के सदस्यों को सबक सिखाने के लिए कुर्हा पुलिस स्टेशन में अपने भांजे धनंजय मारोतराव डांगे, चेतन भदेवराव कचरे और अन्य सदस्यों के खिलाफ भादंवि की धारा 143, 294, 323, 506, 354 (अ) तथा पुत्री से छेडछाड करने के बदले लैंगिक अपराध से संतान की सुरक्षा कानून के अंतर्गत धारा 7, 8 के तहत अपराध दर्ज किया था.
एड. यश भेलांडे ने न्या. विनय जोशी और न्या. वाल्मिकी मेनेजस के न्यायालय के समक्ष यह मामला केवल पारिवारिक और संपत्ति का विवाद है तथा आरोपियों पर दबाव बनाने के लिए इस महिला ने पोक्सो जैसे कानून का दुरुपयोग किया है. इसके अलावा इस मामले में शिकायत देते समय भी विलंब हुआ है. ऐसा युक्तिवाद न्यायालय के समक्ष किया.