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अमरावती/दि.5 – लगभग दो माह पहले समाजसेवी अंबिका हिंगमीरे पर अपराध दर्ज कर गाडगे नगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. नागपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में चार्जशीट दायर न करने के आदेश दिये है. 8 मार्च 2021 को अंबिका हिंगमीरे अपने कार्यकर्ताओं के साथ गाडगे नगर पुलिस थाने में आयी थी. आते ही उन्होंने पुलिस के साथ बहस करते हुए थाने की वीडियो शुटींग मोबाइल में की थी. उस समय थानेदार आसाराम चोरमले ने अंबिका हिंगमीरे और उनके साथियों पर अपराध दर्ज किया था. इस मामले के खिलाफ हिंगमीरे ने नागपुर हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. न्यायमूर्ति वी.एम.देशपांडे और अमित बोरकर की खंडपीठ ने पुलिस को चार्जशीट दायर न करने के निर्देश दिये. कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच जारी रहेगी, लेकिन आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी होगी. राज्य पुलिस अधिनियम की धारा 22 के अनुसार विभागीय स्तर पर पुलिस शिकायत कार्यान्वित करने तथा उसपर अमल करने के लिए पुलिस महासंचालक को राज्य के सचिव से तत्काल समिति गठित करने के निर्देश दिये है.
- मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं, समाज भावनाओं का मुझे ऐहसास है. एक शिकायत के संदर्भ में मैं जब गाडगे नगर पुलिस थाने में गई तब थानेदार आसाराम चोरमले ने शिकायतकर्ता का पक्ष न सुनते हुए आरोपी का पक्ष लेकर मेरे साथ हुज्जतबाजी की. एक महिला के साथ किया हुआ यह प्रकार अशोभनिय है और इसके खिलाफ मेरा न्याय मिलने तक न्यायालयीन संघर्ष शुरु ही रहेगा.
– अंबिका हिंगमीरे, सामाजिक कार्यकर्ता, अमरावती