* विद्यापीठ में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिषद
अमरावती/ दि.30– प्रतिस्पर्धा के दौर में माता-पिता अपने बच्चों से काफी उम्मीदें रखते हैं और इससे बच्चों पर कई तरह के बोझ पड़ते हैं और तनाव बढ़ता है. शैक्षणिक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास में बाधाएं पैदा की जाती हैं. इसलिए, बच्चों के कंधों पर उनकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डाला जाना चाहिए, और साथ ही उन्हें दूसरों के उदाहरण देकर अनुकरण नहीं करना चाहिए, यह आह्वान गेट सेट गो अकादमी, मुंबई के संचालक डॉ.संजय रहाटे ने अभिभावकों से किया.
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में आजीवन अध्ययन और विस्तार विभाग के एम.ए. समुपदेशन और मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम द्वारा चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया. इस परिषद के दूसरे दिन के सत्र का मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रहे थे.
इस अवसर पर विभाग के संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल ने कहा, काउंसिलिंग से हम समाज की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और नागरिकों की मदद कर सकते हैं. स्पर्धा के दौर में 70 प्रतिशत अंक भी छात्र और अभिभावकों को कम लगते है. इससे बच्चों में निराशा की भावना पैदा होती है. नतीजतन, बच्चों पर कई तरह के बोझ डालने वाले माता-पिता की काउंसलिंग भी जरूरी है.
डॉ.पवन देशमुख ने कहा कि आज बच्चों की बढ़ती समस्याएं और उनका विकास माता-पिता की अवास्तविक अपेक्षाओं के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार है और उनकी काउंसलिंग आवश्यक है. संचालन प्रा. आदित्य पुंड ने किया. आभार मनीषा खंडेलवाल ने माना. परिषद की सफलता के लिए समन्वयक मंजूषा बारबुद्धे, प्रा. अर्चना ढोरे, प्रा. जुबेर खान, प्रा. शिवानी अग्रवाल, प्रा. मनीषा लाकड़े तथा शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों ने भी कड़ी मेहनत की.