अहिल्याबाई होलकर महामंडल की जगह निजी व्यवसाय के लिए न दें
मेंढपाल धनगर विकास मंच ने की मंत्री सुनील केदार से मांग
* अन्यथा मंत्रालय के समक्ष आंदोलन करने की चेतावनी दी
अमरावती/दि.12- पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर मेंढी व शेली विकास महामंडल की जमीनों को निजी व्यवसाय के लिए न दिया जाये. इस आशय की मांग मेंढपाल धनगर विकास मंच द्वारा राज्य के पशुसंवर्धन व दुग्ध विकास मंत्री सुनील केदार को सौंपे निवेदन में की गई है. साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि, यदि इस मांग की अनदेखी होती है, तो सभी मेंढपालों द्वारा मंत्रालय के सामने राहुटी आंदोलन किया जायेगा.
इस संदर्भ में मंत्री सुनील केदार को सौंपे गये निवेदन में कहा गया कि, बकरी व भेड पालन करनेवाले मेंढपाल धनगरों को आर्थिक विकास व समृध्दी की ओर ले जाने हेतु सन 1981 में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर मेंढी व शेली विकास महामंडल की स्थापना की गई थी और इसके लिए राज्य के पंडेगांव (औरंगाबाद), बिनाखेड (जलगांव), मुदखेड (नांदेड), तीर्थ (उस्मानाबाद), अंबेजोगाई (बीड), महूद (सांगली), रांजनी (सातारा), दहिवडी (सातारा), पोहरा (अमरावती), बोंदी (नागपुर), निलेली (रायगड), दाबचेरी (पालघर) में कुल 12 प्रक्षेत्र है और हर प्रक्षेत्र में कम से कम 150 से 200 एकड कृषि भूमि उपलब्ध है. जिसका उपयोग भेड-बकरियोें के लिए चारा उगाने हेतु किया जाता है. किंतु महामंडल के पुणे स्थित कुछ अधिकारियों ने महामंडल के विभिन्न प्रक्षेत्रों में रहनेवाली कृषि भूमि को निजी शेली-मेंढी संस्थाओं को पांच वर्ष की लीज पर देने का प्रयास करना शुरू किया है. लेकिन इसमें महामंडल को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि निजी व्यवसाय करनेवाली कंपनी के संचालक ही इसे लेकर फायदे में रहेंगे. ऐसे में महामंडल के विभिन्न प्रक्षेत्रों में उपलब्ध रहनेवाली जमीनों में से खाली व बंजर पडी जमीनें निजी लोगों या संस्थाओें को देने की बजाय घुमंतू मेंढपाल धनगरों को अपनी भेड-बकरियों के लिए चारा उगाने हेतु दी जाये, ताकि उन्हें जून से सितंबर माह के दौरान चारे की तलाश में अपने परिवार सहित यहां से वहां न घुमना पडे. ऐसे में मेंढपालों पर बेवजह वनविभाग द्वारा अवैध चराई के लिए अपराधिक मामले दर्ज नहीं होंगे और उन्हें वन विभाग की कस्टडी में भी नहीं जाना पडेगा. मेंढपाल धनगरों की समस्याओं व दिक्कतों को जानने के बाद राज्य के पशुसंवर्धन व दुग्धविकास मंत्री सुनील केदार ने मेंढपाल धनगर विकास मंच के संस्थापक अध्यक्ष संतोष महात्मे को आश्वासन दिया कि, महामंडल की जमीन किसी भी निजी कंपनी या संस्था को नहीं दी जायेगी. अत: इस बारे में मेंंढपाल धनगरों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.