अमरावती/दि.15– मराठा समाज को सीधे कुनबी प्रमाणपत्र न देते हुए उनको ओबीसी कोटे से आरक्षण न दिया जाए तथा मराठाओं को स्वतंत्र आरक्षण देते हुए केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत आरक्षण की मर्यादा बढाये जाने की मांग आज उपेक्षित समाज महासंघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम अपर जिलाधिकारी को सौपे गए निवेदन में की गयी.
शुक्रवार की दोपहर अपर जिलाधिकारी को सौंपे गए निवेदन में कहा गया कि भारतीय संविधान में कलम 15(4) व 16(4) में अदर बैकवर्ड क्लासेस ऐसे शब्द लिखे गए है. 1980 के दुसरे मागासवर्गीय मंडल आयोग व्दारा संपुर्ण देश में 3743 जाती होने की जानकारी है. महाराष्ट्र में यह 340 है. सरकार के अनुसार ओबीसी समाज यह 52 प्रतिशत के अनुसार ही ओबीसी समाज को 52 फिसदी आरक्षण दिया जाए. वर्तमान में ओबीसी प्रवर्ग के सभी जाती की निहाय जनगणना करे तो ओबीसी की संख्या 65 प्रतिशत से भी उपर नजर आएगी.पहले ही ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में अन्याय हुआ है. सरकार ओबीसी प्रवर्ग में किसी भी जाती का समावेश न करें. अगर ओबीसी के आरक्षण को धक्का लगाने का प्रयास किया गया तो समाज के पास आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं बचेगा. इस लिए मराठा समाज को ओबीसी की बजाए अलग से स्वतंत्र आरक्षण देने की मांग निवेदन में की गयी. इस समय श्रीकृष्ण बनसोड, श्रीकृष्ण माहोरे, ओम प्रकाश अंबाडकर, इंजि.सुभाष गोहत्रे, इजि.भरतराव खासबागे, अशोक वडुरकर, रामकुमार खैरे, इंजि.राम गुल्हाने, मधुकर आखरे, सुभाष शिंदे, प्रा. टी.एफ. दहिवाडे, एड.आशिष लांडे, प्रा.अरुण बुंदेले, मैना बुंदेले, अनिल भगत, सुहासराव गोंगे, अजय केने, प्रा.प्रकाश तडस, सुधीर घुमटकर, गोविंद फसाटे, रविन्द्र इंगले, मालती पाटील, नंदा बनसोड, जयश्री ठाकुर, सुनंदा आखरे सहित बड़ी संख्या में संगठन सदस्य उपस्थित थे.