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अनुसूचित जनजाति में धनगर, कोली व अन्य जाति का समावेश न करें

फिमाल पेनठाना समिति ने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि.29- अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) में धनगर, कोली व अन्य जाति का समावेश न करने की प्रमुख मांग को लेकर स्थानीय भिमाल पेनठाना समिति के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम जिलाधिकारी सौरभ कटियार को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में संगठन ने मांग की है कि राज्य के सच्चे आदिवासियों की संवैधानिक 1950 की आरक्षण सूची में गैर आदिवासी धनगर, कोली, बंजारा व अन्य किसी भी जाति का समावेश न करे, टाटा इंस्टिट्यूट आफ सोशल साइसेंस मुंबई नामक संस्था व्दारा धनगर जाति के संदर्भ में सर्वेक्षण की रिपोर्ट उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर आम जनता की जानकारी के लिए घोषित करे, 20 नंवबर 2023 को सुधाकर शिंदे की अध्यक्षता में शासन ने धनगर जाति के लिए निर्माण किया अभ्यासगट रद्द करें, आदिवासी जमात यह संवैधानिक दृष्टि से किसी भी धर्म में न आने से क्रिश्चन, मुस्लिम व अन्य धर्म में धर्मांतरित हुए आदिवासियों को संवैधानिक आरक्षण से डी-लिस्टिंग करना यानी जातिय द्बेष से भारत देश के सच्चे आदिवासियों का संवैधानिक आरक्षण का प्रतिशत कम कर आदिवासियों का अस्तित्व नष्ट होगा. इस कारण डी-लिस्टिंग कानून रद्द न करने की मांग की गई है. ज्ञापन सौंपने वालों में नामदेवराव मरसकोल्हे, विजय मडावी, श्रीकृष्ण परतेकी, कन्हैया उईके, सिंधुबाई उईके, विष्णु उईके, वनिता उईके, राजीव अडमाते, बालकृष्ण परतेकी, किरण परतेकी, शुभांगी परतेकी, मंजूषा परतेकी, ज्योति अडमाते, आरती सयाम, संजीवनी मडावी, नलिनी सिडाम, सोनू मुरापे, शारदा कोडवते, मीना मसराम, दीपिका वाढिवे, कमल काटलाम, नागोराव कोडापे, प्रकाश कोकाटे, दादाराव पुरसंगे, अमर सयाम, चित्रा उईके, सुशीला टेकाम, विजया मरकाम, गीता कुंभरे, कल्पना मसराम, ललिता कोडापे, सूरज मसराम, सिंधु मरसकोल्हे समेत अन्य लोगों का समावेश था.

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