मौसम केंद्र बंद न होने दें, अकेले अमरावती में 500 करोड का नुकसान
प्रा. बंड व डॉ. मुंडे की दोनों सांसदों से विनती
* किसानों के लिए उपयोगी
अमरावती/दि.24- केंद्र सरकार पुरस्कृत जिला मौसम केंद्र आगामी 1 फरवरी से बंद किया जा रहा है. इसका अमरावती के मौसम वैज्ञानिक प्रा.डॉ. अनिल बंड और डॉ. मुंडे ने विरोध किया है. इन दोनों ने आज सवेरे सांसद नवनीत राणा एवं डॉ. अनिल बोंडे से भेंट कर यह केंद्र बंद होने से बचाने का अनुरोध किया. अमरावती मंडल के लक्ष्मीकांत खंडेलवाल से बातचीत में डॉ. प्रा. अनिल बंड ने बताया कि विदर्भ के लगभग सभी जिलों में मौसम का अंदाज देने वाले ऐसे एक-एक केंद्र है. किसानों के लिए यह उपयोगी होने के साथ अकेले अमरावती जिले में केंद्र के बंद हो जाने से 500 करोड का नुकसान की आशंका है.
* मौसम और फसल पर सलाह
डॉ. अनिल बंड ने बताया कि यह 200 केंद्र पिछले 6 वर्षो से शुरु है. यहां से प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को खेतीबाडी में उपयोगी मौसम तथा फसलों के बारे में अनुमान व सलाह दी जाती है. निश्चित ही खेती किसानी के लिए यह जानकारी उपयोगी है. जिससे किसानों का लाभ ही हुआ है. ऐसे में आगामी 1 फरवरी से यह केंद्र बंद किए जाने की जानकारी मिली है. इसलिए दोनोें सांसद से केंद्र को बंद न होने देने की विनती बंड और उनके साथियों ने की है. उल्लेखनीय है कि प्रा. बंड शिवाजी कृषि महाविद्यालय के व्याख्याता रहने के साथ मौसम के बारे में उनके अचूक अनुमान जिले ही नहीं क्षेत्र के किसानों और आम लोगों के लिए सही साबित हुए हैं. उपयोगी रहे हैं.
* दोनों सांसदों ने लगाए फोन
विदर्भ और महाराष्ट्र में मौसम वैज्ञानिक के रुप में प्रसिद्ध प्रा. अनिल बंड ने जैसे ही दोनों सांसदों डॉ. अनिल बोंडे तथा नवनीत राणा से भेंट की. उन्हें विषय की गंभीरता बतलाई. तुरंत दोनों ने दिल्ली में उच्च अधिकारियों को फोन लगाकर केंद्र फिलहाल बंद न होने देने का निर्देश देने की जानकारी मिल रही है. डॉ. बोंडे महाराष्ट्र के कृषि मंत्री भी रहे हैं. ऐसे में उन्होंने तत्काल केंद्र के कृषि खाते के साथ-साथ विज्ञान खाते से भी अधिकारियों से बात की. प्रा. बंड ने दोनों नेताओं को बतलाया कि मौसम केंद्र की तरफ से प्रत्येक मंगलवार को दी जाती हवामान की रिपोर्ट किस प्रकार उपयोगी है.
* किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी
प्रा. बंड और डॉ. मुंडे ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र से मंगलवार और शुक्रवार को जारी होता मौसम का अनुमान किसानों को कदम-कदम पर उपयोगी साबित हुआ है. किसान इससे फसल का नियोजन कर सकते हैं, कर रहे हैं. कब कौनसी फसल की बुआई ठीक रहेगी उसी प्रकार सिंचाई करना है अथवा नहीं, इसका भी नियोजन क्षेत्र के किसान इन केंद्रों की रिपोर्ट के आधार पर कर सकते हैं. अमरावती में ही 1 लाख किसानों तक तत्काल रिपोर्ट पहुंच जाती. जिससे उसकी उपयोगिता बढ जाती.