* एक वर्ष में रोके 13 बालविवाह
* सजा और जुर्माने का प्रावधान
अमरावती/दि.23– खेलने-कूदने और शिक्षा लेने की आयु में मानसिक व शारिरीक दृष्टि से कोइ भी तैयारी न रहते किशोरी का विवाह होने पर उसे विविध समस्या का सामना करना पड सकता है. इस कारण उसे खेल-कूद और शिक्षा लेकर बडा होने दें. किशोरावस्था में उस पर घर संसार का बोझ न डालने की सलाह बालविकास विभाग ने दी है.
युवती की आयु 18 वर्ष और युवक की आयु 21 वर्ष होने पर ही विवाह ग्राह्य माना जाता है. बालविवाह हुई किशोरी गर्भवती हुई तो स्वास्थ्य से संबंधित गंभीर समस्या का उसे सामना करना पडता है. बालविवाह हुई वधू शारीरिक व मानसिक दृष्टि से विवाह योग्य नहीं रहती. जानबूझकर बालविवाह करने अथवा प्रोत्साहन देने वालों को 2 साल सख्त मजदूरी, 1 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है. महिला व बालकल्याण विभाग ने वर्ष 2022 में 22 बालविवाह रोके और वर्ष 2023 में 13 बालविवाह रोके गए. इन प्रकरणों में एक मामला दर्ज हुआ है. विशेष यानी बालविकास विभाग की तरफ से बालविवाह रोकने का प्रयास किया जा रहा है. बालविवाह पर प्रतिबंध डालने के लिए जिला म.बा.क. अधिकारी कार्यालय के जिला बालसंरक्षण कक्ष, ग्राम पंचायत, शासकीय कार्यालय आदि के प्रयासों से 13 बालविवाह रोके गए. बालविवाह होने की गोपनीय जानकारी मिलते ही महिला व बालविकास विभाग का दल घटनास्थल पहुंचकर बालविवाह न करने बाबत समुपदेशन देता है. कुछ प्रकरणों में मामले दर्ज होते है.
* विवाह में उपस्थित रहने वालों पर भी मामले दर्ज
बालविवाह प्रतिबंध कानून के मुताबिक 18 साल से छोटी किशोरी और 21 वर्ष से कम आयु का युवक कानूनी अपराध के लिए उचित नहीं है. बालविवाह प्रतिबंध कानून के मुताबिक दोषियों को 2 साल तक सजा और आर्थिक जुर्माना हो सकता है. बालविवाह करवाने वाले व्यक्ति, विवाह निश्चित अथवा संपन्न करनेवाले और विवाह में उपस्थित रहने वाले इन सभी पर इस कानून के मुताबिक मामले दर्ज होते हैं.
* किस तहसील में कितने बालविवाह रोके?
तहसील रोके गए विवाह
चांदूर बाजार 10
अंजनगांव 02
अमरावती 03
वरुड 01
चांदूर रेलवे 01
चिखलदरा 01
दर्यापुर 01
* बालविवाह मुक्त अभियान शुरु
3 जनवरी 2023 से बालविवाह मुक्त जिला अभियान चलाया जाता है. इसके मुताबिक संबंधित यंत्रणा को प्रशिक्षण दिया है. बालविवाह प्रतिबंधक अधिकारी सतर्क रहकर काम करें.
– अजय डबले,
जिला बालसंरक्षण अधिकारी