अमरावती

सांप निकलने पर घबराये नहीं, 1926 क्रमांक पर संपर्क करें

बारिश में बडे पैमाने पर निकलते है सांप, जिले में जहरीले सांपों की चार प्रजातियां है

अमरावती/दि.16 – प्रति वर्ष बारिश के मौसम दौरान रिहायशी बस्तियों में सांप निकलने के मामले सामने आते है. किंतु कई बार सांप जहरीले नहीं होते, किंतु बावजूद इसके लोगबाग बुरी तरह से घबरा जाते है. ऐसे में वनविभाग द्वारा आवाहन किया गया है कि, किसी भी प्रजाति का सांप निकलने पर घबराये नहीं, बल्कि वन विभाग के 1926 इस हेल्पलाईन क्रमांक पर संपर्क करे. साथ ही सर्पमित्र के आने तक सांप के पास न जाये.
इस बारे में वनविभाग तथा सर्पमित्रों ने जानकारी दी है कि, अमरावती जिले में प्रमुख रूप से मण्यार, नाग, घोणस व फुरसे इन चार प्रजातियों के जहरीले सांप पाये जाते है. इसके अलावा अन्य सभी सांप विषैले नहीं होते. जिनसे घबराने की जरूरत नहीं होती. यदि किसी भी व्यक्ति के घर में सांप निकलता है, तो उससे कम से कम आठ फीट की दूरी रखनी चाहिए और उसकी हलचलों पर बेहद बारीकी से नजर रखनी चाहिए. साथ ही सर्पमित्र के आने तक सांप किस ओर से निकला और किस ओर गया, इसकी सही जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि सर्पमित्र के लिए सांप को पकडना आसान हो सके.

जिले में पाये जानेवाले बिना जहरीले सांप

अमरावती जिले में धामण, कवड्या, बिवट, नानेटी, धुलनागिण, बैन्डेड, कुकरी, तस्कर, गवत्या, डुरक्या, घोणस, मांडूल आदि प्रजाति के बिना जहरीले सांप पाये जाते है.

  • सांप निकलने पर वनविभाग की हेल्पलाईन से संपर्क किया जाये और अपने घर का पता व मोबाईल क्रमांक सटिक बताया जाये. इसके अलावा किसी भी सांप द्वारा कांटने पर सर्पदंशवाली जगह के उपरी हिस्से को कपडे या रस्सी से बेहद पक्के तौर पर बांधा जाये. साथ ही तुरंत ही सरकारी अस्पताल में पहुंचकर इलाज करवाया जाये.
    – निलेश कंचनपुरे
    सर्पमित्र, वसा संस्था

जिले में पाये जानेवाले जहरीले सांप

Manyar-amravati-mandal

मण्यार… रात के समय अपने बिल से बाहर निकलता है. रात के वक्त किडे-मकौडों को खाने के लिए बाहर निकलनेवाली छिपकलियों का मण्यार सांप शिकार करता है. साथ ही वह अन्य सांपों को भी खाता है.

Snake-amravati-mandal

नाग… पुराने व जर्जर घरों में प्रमुख रूप से नाग प्रजाति के सांप पाये जाते है. चूहे व छछूंदर इसके प्रिय खाद्य है.

Ghonas-amravati-mandal

घोणस… यह सांप अमूमन लकडी के ढेर के नीचे छिपकर रहता है. साथ ही सोयाबीन के खेतों में भी देखा जाता है. चूहे इस सांप का प्रिय खाद्य पदार्थ होते है.

फुरसे… यह सांप पथरिले व पहाडी क्षेत्र में रहता है और बिच्छूओं को खाता है. जिन-जिन स्थानों पर बिच्छू बडे पैमाने पर होते है, उन स्थानों पर यह सांप निश्चित तौर पर पाया जाता है.

सांप के कांटने पर पश्चात क्या करें

– सांप के कांटने पर घबराये नहीं, बल्कि शरीर के जिस हिस्से पर सर्पदंश हुआ है, उससे थोडा उपर कपडे या रस्सी के जरिये बेहद पक्का बांध ले.
– सरकारी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाये.
– बुआबाजी या किसी तांत्रिक-मांत्रिक के चक्कर में कतई न पडे.

घर में सांप निकलने पर क्या करे

– यदि घर में सांप निकलता है, तो तुरंत सर्पमित्र को बुलाये और सर्पमित्र के आने तक सांप के पास न जाये.
– इस दौरान छोटे बच्चों की ओर विशेष ध्यान रखे और सांप से करीब सात-आठ फीट की दूरी बनाये रखे.
– बारिश के मौसम में सांप अक्सर निकलते ही है. ऐसे समय बिना घबराये सर्पमित्र को बुलाये और उसके जरिये सांप को पकडवाये.

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