अफवाहों पर ध्यान ना दें, बल्कि पूरी तरह सतर्क रहें
9 जरा सी भी लापरवाही पड सकती है बेहद भारी
* जिलाधीश पवनीत कौर ने जिलावासियों को किया आगाह
अमरावती/दि.5- इस समय राज्य के कई महानगरों सहित छोटे शहरों व जिलों में भी कोविड वायरस का संक्रमण एक बार फिर अपने पांव पसार रहा है तथा दिनों-दिन संक्रमितों की संख्या में कई-कई गुना वृध्दि हो रही है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, हर किसी ने अपने व अपने परिवार को सुरक्षित रखने हेतु कोविड एप्रोप्रिएट बीहेवियर का पालन करते हुए कोविड त्रिसूत्री नियमोें का कडाई के साथ पालन करना चाहिए. ऐसा करने से ही हर एक व्यक्ति, हर एक परिवार को सुरक्षित रखते हुए पूरे शहर व जिले को कोविड संक्रमण के प्रभाव से बचाया जा सकता है. इस आशय का प्रतिपादन करने के साथ ही जिलाधीश पवनीत कौर ने आगाह किया कि, यदि ऐसा नहीं होता है, तो किसी भी तरह की लापरवाही पूरे जिले पर बेहद भारी पड सकती है.
आज दोपहर जिलावासियों के नाम जारी अपने वीडियो संदेश में जिलाधीश पवनीत कौर ने बताया कि, इस समय मुंंबई व पुणे जैसे महानगरों में कोविड संक्रमण को लेकर हालात काफी हद तक विस्फोटक हो गये है तथा अमरावती शहर सहित जिले में भी संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है. जहां विगत 29 दिसंबर को अमरावती में केवल 4 संक्रमित पाये गये थे. वहीं गत रोज 4 जनवरी को एक ही दिन के दौरान 39 संक्रमित सामने आये है. यह सीधे-सीधे संक्रमितोें की संख्या 6 गुना वृध्दि है. जिसे कदापि हलके में नहीं लिया जा सकता. इस बात के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा जहां एक ओर कोविड टेस्टिंग की संख्या को बढा दिया गया है, वहीं शत-प्रतिशत टीकाकरण पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. इस जानकारी के साथ ही जिलाधीश पवनीत कौर ने आवाहन किया कि, जिन नागरिकों में सर्दी-खांसी व बुखार जैसे लक्षण हैं, उन्होंने तुरंत ही अपनी कोविड टेस्ट करवानी चाहिए. साथ ही जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन का पहला अथवा दूसरा डोज नहीं लगवाया है, उन्होंने तुरंत ही अपने नजदीकी टीकाकरण केेंद्र पर जाकर कोविड वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए.
इस वीडियो संदेश में जिलाधीश पवनीत कौर ने बताया कि, विगत 9 से 30 नवंबर तक चलाये गये टीकाकरण अभियान के काफी सार्थक परिणाम सामने आये है और इस दौरान टीकाकरण में 20 प्रतिशत की वृध्दि होने के साथ-साथ अब जिले के 81 फीसद पात्र लाभार्थियों को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. किंतु अब भी 19 फीसद यानी करीब 4 लाख नागरिक टीकाकरण से वंचित है. यह अपने आप में बेहद खतरनाक स्थिति है. क्योंकि उन 4 लाख लोगों के किसी भी समय कोविड संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है. वहीं 8 लाख लोग ऐसे है, जिन्होंने कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का पहला डोज तो लगवा लिया, किंतु उनका दूसरा टीका लगना बाकी है. इसमें से करीब 3 लाख लोग ऐसे है, जिनके दूसरा डोज लगाने की तय मियाद पूरी हो चुकी है. ऐसे नागरिकों के लिए 30 दिसंबर से 15 जनवरी के दौरान विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.
इसके साथ ही जिलाधीश पवनीत कौर ने यह भी कहा कि, कई लोगबाग ओमिक्रॉन वेरियंट व टीकाकरण को लेकर कई तरह की भ्रांतियों व गलतफहमियों का शिकार है. जिसके तहत कई लोगों का मानना है कि, वैक्सीन के दोनों टीके लगाने के बाद भी संक्रमण तो होता ही है. ऐसे में टीका लगवाने का क्या फायदा, तो ऐसे लोगों ने यह नहीं भूलना चाहिए कि, अब तक कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन बनानेवाली किसी भी कंपनी ने यह दावा नहीं किया है कि, वैक्सीन लगाने के बाद कोविड संक्रमण बिल्कूल नहीं हो सकता, बल्कि तमाम तरह की अध्ययन रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, यदि किसी व्यक्ति ने वैक्सीन लगवा रखी है, तो उसके संक्रमित होने का खतरा काफी हद तक घट जाता है और यदि संक्रमण की चपेट में आता भी है, तो ऐसे मरीजों की स्थिति गंभीर होने अथवा मरीज की मौत होने का प्रमाण काफी कम होता है. वहीं दूसरी सबसे बडी गलतफहमी यह है कि, लोगबाग ओमिक्रॉन वेरियंट को सुनाई-सुनाई बातोें के आधार पर सौम्य लक्षणवाला वायरस मान रहे है. जबकि अभी इसकी कोई अधिकृत तौर पर पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि इस वेरियंट के बारे में पता लगे हुए अभी केवल दो-ढाई माह ही हुए है, तथा अभी इस वायरस के व्यवहार व स्वरूप को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मिलना बाकी है. जिलाधीश पवनीत कौर ने यह भी कहा कि, इस समय जितने भी लोग कोविड संक्रमित पाये जा रहे है, उनमें से अधिकांश में ओमिक्रॉन की बजाय डेल्टा व डेल्टा प्लस वेरियंट का ही प्रादुर्भाव देखा गया है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि, कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान वायरस के इन्हीं दो वेरियंट की वजह से बडे पैमाने पर लोगबाग संक्रमण की चपेट में आये थे और बडी संख्या में संक्रमितों की मौत भी हुई थी.