पशु वैद्यकियों की मांगों की ओर सरकार नहीं दे रही ध्यान
पशु चिकित्सा व्यवसायी संगठन का धरना आंदोलन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – राज्य के पदवी प्रमाणपत्र धारक पशु वैद्यकीयों की मांगों को लेकर सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते पशु चिकित्सा व्यवसायी संगठन के बैनर तले आज से सरकार का ध्यान खींचने के लिए पशुधन पर्यवेक्षक, सहायक पशुधन विकास अधिकारी व पशुधन विकास अधिकारी गट ब के कर्मचारियों ने बेमियादी हडताल व धरना आंदोलन शुरु किया है.
यहां बता दे कि राज्य सरकार के जिला परिषद सेवा में पशुधन पर्यवेक्षक/सहायक पशुधन विकास अधिकारी/पशुधन विकास अधिकारी गट ब श्रेणी के लगभग 4500 कर्मचारी है व 2853 पशु वैद्यकीय अस्पतालों के संस्था प्रमुख के रुप में कार्यरत है, लेकिन इन कर्मचारियों की विविध मांगे बीते 10 से 15 वर्षों से प्रलंबित है. इन मांगों को सुलझाने के लिए निवेदन और चर्चाएं भी की गई है, लेकिन पदविका प्रमाणपत्र धारक पशु वैद्यकीय की न्याय मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पशु वैद्यकीय कर्मचारियों की मांग है कि भारतीय पशुवैद्यक परिषद अधिनियम 1984 के तहत अनुसूचित पदविका/ प्रमाणपत्र धारक पशु वैद्यकीयों की अर्हता में समाविष्ट कर पंजीबध्द किया जाए. पशुधन पर्यवेक्षकों के पद तत्काल भरे जाए, इसकी वजह यह है कि पशुधन पर्यवेक्षकों की बीते 18 वर्षों से पद नहीं भरे गए है. अनेक जिलों में एक-एक कर्मचारी पर 2 से 17 गांवों का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा गया है. राज्यस्तर पर पशुधन पर्यवेक्षक से सहायक पशुधन विकास अधिकारी की पदोन्नति की जाए सहित अन्य मांग की गई है.