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श्रीनाथवाडी विकास समिति की मांग
अमरावती/दि.16 – हिंदू श्मशान भूमि संस्थान के समीप खुली जगह पर मृत कोरोना बाधित मरीजों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. साथ ही गैस दाहिनी की चिमनी से निकलने वाले धूएं के कारण परिसर में प्रदूषण बढ रहा है. खुली जगह पर अंतिम संस्कार न किया जाए साथ ही मोक्षधाम में ओटो की संख्या व गैसदाहिनी यूनिट न बढायी जाए ऐसी मांग श्रीनाथवाडी विकास समिति की ओर से की गई है. उन्होंने इस आशय का ज्ञापन जिलाधिकारी नवाल व मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे को सौंपा.
निवेदन में कहा गया है कि, श्रीनाथवाडी, करवा लेआउट, कोल्हटकर कॉलोनी, भेरडे लेआउट, देसाई लेआउट आदि क्षेत्र हिंदू श्मशान भूमि को सटकर है. खुले मैदान में होने वाले अंतिम संस्कार की वजह से परिसर में एकाएक प्रदूषण फैलता है और साथ ही तापमान भी बढने लगा है. श्मशान भूमि में गैस दाहिनी है सरकारी नियम अनुसार कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार गैस दाहिनी द्बारा किया जाता है. किंतु गैस दाहिनी की चिमनियों से निकले वाले धूआं और हवा के चलने पर राख परिसर के रहने वाले नागरिकों के घर के सामने बिखर जाती है. जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर हो सकता है और धुएं के कारण प्रदूषण भी फैल रहा है.
परिसर के मुख्य मार्ग देशपांडेवाडी, माधवनगर से मृतकों का पार्थिव शरीर लाया जाता है. कई शववाहक गाडियां इस मार्ग के मध्य में खडी कर दी जाती है. जिससे परिसर के छोटे बच्चें भयभीत हो रहे है. लगभग 20 किमी परिसर से यहां अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव लाए जा रहे है. जिससे यहां के रहनेवाले नागरिकों को परेशानी उठानी पड रही है. अन्य स्थानों पर व्यवस्था न रहने से हिंदू श्मशान भूमि में और नए ओटे तथा गैस दाहिनी की व्यवस्था न करते हुए विलास नगर, शंकर नगर, वडरपुरा, नवसारी, राहटगांव की श्मशानभूमि में यह व्यवस्था की जाए ऐसी मांग निवेदन द्बारा की गई है इस समय धनजीभाई खंडेलवाल, जीतेंद्र वाघ, किरण लावरे, आर.के. चाले, रवि लोडाम, बालासाहब तराले, शरद चावके, राजू बागोकार, मिलिंद पातुर्डे उपस्थित थे.