अमरावती/दि.11– केंद्र सरकार सोयाबीन व खाद्यतेल आयात ना करे, साथ ही कपास पर आयात शुल्क कम न करे. देश के खेती उत्पादनो को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. बीते 7 वर्षो से खेती उपज को दोगुने दाम मिलेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री कह रहे हैं. लेकिन सोयाबीन के दाम 3390 रु. प्रति क्विंटल हैं. तुअर व चना की भी वैसी ही स्थिति है. किसान खेती में पैदावार बढाने खून का पानी तथा रात का दिन कर खेती कर रहे है. ऐसे में बीज, खाद, कृषि की औषधियों पर केंद्र सरकार ने 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया है, जिससे किसान पहले ही मुसीबत में है. केंद्र सरकार किसानों पर जीएसटी ने लगाए ऐसी मांग पूर्व सांसद अनंत गुढे ने की है उन्होंने कहा, इस वर्ष अनेक प्राकृतिक संकट किसानों पर आये. बादलों के साथ बारिश के कई संकट खरीफ तथा रबी की फसलों पर पडे है. ऐसे में किसान ने लगातार मेहनत कर अपनी फसलों को बचाने का भारी प्रयास किया है, लेकिन केंद्र सरकार की गलत नीति से कृषि उपज को उचित दाम नहीं मिलता. जनवरी 2021 से खाद्यतेल के दाम आकाश छू रहे थे. इसलिए केंद्र सरकार ने बाहरी देशों से सोयाबीन व पाम तेल आयात किया. जिससे 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचे सोयाबीन के दाम लुढक गये और खाद्यतेल के दाम भी कम नहीं हुये.
अब कपास को अच्छे दाम मिल रहे है. किसानों ने कपास घर में रखा है. लेकिन कुछ व्यापारी, कपडा उद्योजक कपास पर रहने वाला 11 प्रतिशत आयात शुल्क कम करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव ला रहे है. कपास आयात करना पड रहा है. इसलिए केंद्र सरकार आयात शुल्क कम करने का विचार कर रही है. केंद्र सरकार कपास पर आयात शुल्क कम न करे, ऐसी मांग पूर्व सांसद अनंत गुढे ने की है.